




केरल की राजधानी तिरुवनंतपुरम में एक 26 वर्षीय IT प्रोफेशनल की आत्महत्या के मामले ने बड़ा मोड़ ले लिया है। मृतक अनंदु आजी द्वारा आत्महत्या से पहले सोशल मीडिया पर साझा किया गया 15 पन्नों का विस्तृत नोट सामने आने के बाद पुलिस ने एक व्यक्ति के खिलाफ यौन उत्पीड़न के आरोप में IPC की धारा 377 के तहत मामला दर्ज कर लिया है।
अनंदु आजी की आत्महत्या की खबर सामने आने के बाद यह मामला तेजी से सोशल मीडिया और राजनीतिक गलियारों में चर्चा का विषय बन गया है। नोट में अनंदु ने एक व्यक्ति का नाम ‘NM’ के रूप में लिखते हुए आरोप लगाया कि उसका बचपन में लंबे समय तक यौन शोषण हुआ।
9 अक्टूबर 2025 को अनंदु आजी का शव तिरुवनंतपुरम के थंपनूर इलाके के एक लॉज के कमरे में पाया गया था। प्रारंभिक जांच में यह आत्महत्या का मामला लग रहा था, लेकिन उनके सोशल मीडिया अकाउंट पर साझा किए गए एक विस्तृत इंस्टाग्राम पोस्ट ने मामले को पूरी तरह से बदल दिया।
नोट में कहा गया:
“मैं वर्षों से उस दर्द को झेल रहा हूं जो NM नाम के व्यक्ति ने मुझे दिया। वह एक RSS शाखा का हिस्सा था जहां मेरा यौन शोषण हुआ। आज मैं थक चुका हूं…”
तिरुवनंतपुरम पुलिस ने परिवार की शिकायत और इंस्टाग्राम पोस्ट के आधार पर गंभीर धाराओं में केस दर्ज किया है। पुलिस अधिकारियों के अनुसार, मामला अब कोट्टायम जिले के पोंकुन्नम थाना स्थानांतरित कर दिया गया है क्योंकि पीड़ित वहीं का रहने वाला था।
थंपनूर पुलिस स्टेशन के एक अधिकारी ने बताया:
“मृतक द्वारा दिए गए डिजिटल साक्ष्य, पोस्ट और परिवार की शिकायत के आधार पर हमने IPC की धारा 377 (अप्राकृतिक यौनाचार) के अंतर्गत मामला दर्ज किया है।”
अनंदु के परिवार का कहना है कि उन्हें अपने बेटे के मानसिक तनाव की जानकारी तो थी, लेकिन इस स्तर के यौन उत्पीड़न की पीड़ा उन्हें पता नहीं थी।
अनंदु की मां ने कहा:
“वो OCD से जूझ रहा था, लेकिन इतना बड़ा दर्द लेकर जी रहा था, हमें यह नहीं पता था। उसने अपने नोट में जिस व्यक्ति का ज़िक्र किया है, उसे सजा मिलनी चाहिए।”
मामले ने केरल की राजनीति को भी प्रभावित किया है। कांग्रेस, DYFI और अन्य सामाजिक संगठनों ने निष्पक्ष और तेज़ जांच की मांग की है।
कांग्रेस नेता वी. डी. सतीसन ने कहा:
“सरकार को इस मामले में हस्तक्षेप कर त्वरित और पारदर्शी न्याय सुनिश्चित करना चाहिए। ऐसे मामलों में चुप्पी नहीं, जवाबदेही ज़रूरी है।”
वहीं RSS ने इन आरोपों को “दुर्भावनापूर्ण” और “संगठन को बदनाम करने की कोशिश” बताया है।
“यह व्यक्तिगत मामला है, संगठन से इसका कोई लेना-देना नहीं है,” RSS के एक प्रवक्ता ने कहा।
यह मामला केवल यौन शोषण नहीं, बल्कि समाज में मानसिक स्वास्थ्य को लेकर उपेक्षा की ओर भी इशारा करता है।
विशेषज्ञों का मानना है कि मानसिक बीमारियों को छुपाना, या उन्हें हल्के में लेना, पीड़ितों को गंभीर निर्णय की ओर ले जा सकता है।
मनोचिकित्सक डॉ. शारदा नायर कहती हैं:
“OCD, डिप्रेशन और PTSD जैसी स्थितियों से जूझ रहे युवाओं को सामाजिक व संस्थागत सहयोग की सख्त जरूरत है।”
अनंदु की इंस्टाग्राम पोस्ट, लैपटॉप और मोबाइल में मौजूद वीडियो, चैट्स और अन्य डिजिटल साक्ष्य को फॉरेंसिक जांच के लिए भेजा गया है। पुलिस यह भी पता लगा रही है कि क्या इस मामले में कोई और पीड़ित भी है या आरोपी पर पहले से कोई शिकायत दर्ज है।
धारा 377 के तहत दर्ज मामला गंभीर अपराध की श्रेणी में आता है, जिसमें आजीवन कारावास तक की सजा का प्रावधान है। आरोपी की पहचान छुपाई गई है, लेकिन पुलिस का कहना है कि जल्द ही पूछताछ और गिरफ्तारी की प्रक्रिया शुरू की जाएगी।
अनंदु आजी की मौत ने केरल ही नहीं, पूरे देश को झकझोर दिया है। यह घटना बताती है कि यौन शोषण सिर्फ एक अपराध नहीं, बल्कि एक सामाजिक आपात स्थिति है — जिसका असर वर्षों तक मानसिक स्तर पर पीड़ित को तोड़ता है।