




टेक्नोलॉजी की दुनिया में जब एलन मस्क की कंपनी Tesla ने अपने रोबोटैक्सी प्रोजेक्ट को लॉन्च किया, तो यह सेल्फ-ड्राइविंग वाहनों के युग की शुरुआत मानी गई। लेकिन अब उसी दिशा में काम कर रही गूगल की बहन कंपनी Waymo मुश्किल में फंसती नजर आ रही है। अमेरिकी संघीय सुरक्षा नियामकों ने Waymo की सेल्फ-ड्राइविंग कारों की “खतरनाक ड्राइविंग” को लेकर औपचारिक जांच शुरू कर दी है।
यह मामला तब सुर्खियों में आया जब अमेरिका के एक शहर में Waymo की स्वचालित टैक्सी का वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हुआ। उस वीडियो में देखा गया कि कार ने यातायात नियमों का उल्लंघन करते हुए एक स्कूल बस को ओवरटेक कर लिया, जबकि बस से छात्र उतर रहे थे। यह घटना इतनी गंभीर थी कि अमेरिकी नेशनल हाईवे ट्रैफिक सेफ्टी एडमिनिस्ट्रेशन (NHTSA) ने तत्काल कार्रवाई करते हुए Waymo के खिलाफ जांच का आदेश दे दिया।
NHTSA के मुताबिक, उन्हें Waymo के वाहनों से जुड़ी 22 घटनाओं की रिपोर्ट मिली हैं, जिनमें ट्रैफिक सिग्नल उल्लंघन, सड़क पर गलत मोड़ लेना और पैदल यात्रियों के बहुत करीब से गुजरना जैसे मामले शामिल हैं। हालांकि, सबसे अधिक आलोचना उसी घटना को लेकर हुई जिसमें कार ने स्कूली बच्चों की सुरक्षा को खतरे में डाल दिया था।
गूगल की पैरेंट कंपनी Alphabet Inc. के अंतर्गत आने वाली Waymo ने अपनी प्रतिक्रिया में कहा है कि वह जांच एजेंसियों के साथ पूरी तरह सहयोग कर रही है और सुरक्षा उसके लिए सर्वोच्च प्राथमिकता है। कंपनी ने यह भी बताया कि उसके वाहनों ने अब तक लाखों मील की दूरी बिना किसी बड़ी दुर्घटना के तय की है और यह घटना एक “सिस्टम एनॉमली” (तकनीकी त्रुटि) हो सकती है।
टेक्नोलॉजी विशेषज्ञों का कहना है कि यह घटना सेल्फ-ड्राइविंग वाहनों की विश्वसनीयता पर बड़ा सवाल खड़ा करती है। ऑटोनॉमस ड्राइविंग सिस्टम पूरी तरह सेंसर, कैमरों और एआई-आधारित निर्णय प्रणाली पर निर्भर होता है। जब ऐसे सिस्टम स्कूल जोन या पैदल क्षेत्रों जैसी संवेदनशील जगहों पर गलती करते हैं, तो यह स्पष्ट करता है कि अभी तकनीक पूरी तरह परिपक्व नहीं हुई है।
पिछले कुछ महीनों से अमेरिका में सेल्फ-ड्राइविंग वाहनों को लेकर बहस तेज हो गई है। एलन मस्क की Tesla और Waymo जैसी कंपनियां इन तकनीकों को तेज़ी से आगे बढ़ा रही हैं, लेकिन सुरक्षा नियामक इससे संतुष्ट नहीं हैं। Tesla की कुछ गाड़ियों में पहले भी “ऑटोपायलट फेल्योर” के कारण दुर्घटनाएं हुई थीं, जिसके चलते कंपनी को भारी आलोचना झेलनी पड़ी थी। अब Waymo का मामला सामने आने से यह उद्योग एक बार फिर विवादों में आ गया है।
एक वरिष्ठ परिवहन विश्लेषक डेविड मिलर ने कहा कि Waymo के इस मामले ने अमेरिकी सरकार के सामने एक नई चुनौती खड़ी कर दी है। “एक तरफ सरकार भविष्य की तकनीकों को बढ़ावा देना चाहती है, लेकिन दूसरी ओर जनता की सुरक्षा पर कोई समझौता नहीं कर सकती। Waymo जैसी कंपनियों को यह साबित करना होगा कि उनकी तकनीक इंसानों से ज्यादा जिम्मेदार तरीके से निर्णय ले सकती है।”
इस विवाद का असर Waymo के व्यापारिक विस्तार पर भी पड़ सकता है। कंपनी ने हाल ही में अमेरिका के कई बड़े शहरों जैसे सैन फ्रांसिस्को, फीनिक्स और ऑस्टिन में अपनी स्वचालित टैक्सी सेवा शुरू की थी। योजना थी कि अगले साल तक इसे और राज्यों में भी विस्तारित किया जाए। लेकिन अब जांच शुरू होने के कारण Waymo को अपने विस्तार कार्यक्रम को धीमा करना पड़ सकता है।
उधर, सोशल मीडिया पर भी इस घटना को लेकर लोगों में गुस्सा देखा गया। कई यूजर्स ने सवाल उठाया कि अगर आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस बच्चों की सुरक्षा को भी नजरअंदाज कर सकता है, तो ऐसी तकनीक को आम सड़कों पर कैसे चलने दिया जा सकता है। वहीं, कुछ लोगों ने कहा कि यह घटना इस बात का संकेत है कि “ऑटोनॉमस ड्राइविंग” अभी प्रयोग के स्तर से आगे नहीं बढ़ी है।
इस बीच, एलन मस्क ने भी इस विवाद पर अप्रत्यक्ष टिप्पणी करते हुए सोशल मीडिया पर लिखा कि “सेल्फ-ड्राइविंग तभी सुरक्षित है जब यह इंसान से बेहतर ड्राइव करे, न कि उससे कमजोर।” उनकी यह टिप्पणी Waymo की आलोचना के रूप में देखी जा रही है, हालांकि उन्होंने किसी कंपनी का नाम नहीं लिया।