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    अमेरिका से आई गुड न्यूज से शेयर बाजार में जबरदस्त तेजी, सेंसेक्स 450 अंक उछला, टाटा स्टील और रिलायंस में सबसे ज्यादा चमक

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    हफ्ते के पहले कारोबारी दिन सोमवार को भारतीय शेयर बाजार ने शानदार शुरुआत की। वैश्विक संकेतों के बीच बाजार में तेजी का माहौल बना रहा और सेंसेक्स में 450 अंकों से अधिक की बढ़त दर्ज की गई। वहीं, निफ्टी ने भी नई ऊंचाई छूते हुए 25,900 अंक का स्तर पार कर लिया।

    इस उछाल की सबसे बड़ी वजह रही अमेरिका से आई सकारात्मक खबरें, जहां महंगाई के ताजा आंकड़े उम्मीद से बेहतर रहे। इसके चलते यह उम्मीद जगी है कि अमेरिकी फेडरल रिजर्व इस साल ब्याज दरों में कम से कम दो बार कटौती कर सकता है। इसका सीधा असर वैश्विक बाजारों पर पड़ा और भारतीय शेयर बाजार ने भी इसका स्वागत जोरदार तरीके से किया।

    वैश्विक संकेतों से बाजार को मिला बल

    पिछले सप्ताह अमेरिकी बाजारों में मजबूती देखने को मिली थी। डॉव जोंस और नैस्डैक दोनों ही हरे निशान में बंद हुए। वहीं, एशियाई बाजारों में भी सकारात्मक रुख दिखा। जापान का निक्केई, हांगकांग का हैंगसेंग और सिंगापुर का स्ट्रेट टाइम्स इंडेक्स सभी में तेजी रही। इसका असर भारतीय बाजार पर भी साफ नजर आया।

    निवेशकों का भरोसा बढ़ा और शुरुआती सत्र में ही सेंसेक्स 450 अंक चढ़कर 85,320 के स्तर पर पहुंच गया, जबकि निफ्टी 25,900 अंक के पार निकल गया। विशेषज्ञों के अनुसार, यदि यह रफ्तार कायम रही तो बाजार अगले कुछ दिनों में नई रिकॉर्ड ऊंचाई बना सकता है।

    टाटा स्टील और रिलायंस में जबरदस्त खरीदारी

    आज के सत्र में सबसे ज्यादा तेजी टाटा स्टील, रिलायंस इंडस्ट्रीज, एचडीएफसी बैंक, आईसीआईसीआई बैंक और लार्सन एंड टुब्रो (L&T) के शेयरों में देखने को मिली।
    टाटा स्टील का शेयर 4.2% तक उछला, जबकि रिलायंस इंडस्ट्रीज ने 3% की बढ़त के साथ निवेशकों का ध्यान खींचा। वहीं, एचडीएफसी बैंक और आईसीआईसीआई बैंक के शेयरों में भी 1.5% तक की मजबूती देखी गई।

    मेटल और बैंकिंग सेक्टर में खासा उत्साह दिखा। विशेषज्ञों का कहना है कि अमेरिका में ब्याज दरों में कटौती की संभावना से डॉलर में कमजोरी आएगी, जिससे उभरते बाजारों में पूंजी प्रवाह बढ़ सकता है। इसका सीधा फायदा भारतीय बाजार को मिलेगा।

    रिटेल निवेशकों की भागीदारी में बढ़ोतरी

    पिछले कुछ महीनों से भारतीय शेयर बाजार में रिटेल निवेशकों की संख्या तेजी से बढ़ी है। छोटे निवेशक अब म्यूचुअल फंड्स और डायरेक्ट स्टॉक्स में सक्रिय रूप से निवेश कर रहे हैं।
    बाजार विशेषज्ञों के मुताबिक, अमेरिकी महंगाई में नरमी और भारतीय अर्थव्यवस्था की मजबूत स्थिति को देखते हुए निवेशकों का भरोसा और बढ़ा है।

    साथ ही, हाल में जारी जीडीपी ग्रोथ रेट, इंडस्ट्रियल प्रोडक्शन और एफडीआई फ्लो जैसे आंकड़ों ने भी निवेशकों को राहत दी है। वित्त वर्ष 2025 की पहली छमाही में भारत की अर्थव्यवस्था ने 7.8% की मजबूत वृद्धि दर्ज की है, जो वैश्विक स्तर पर सबसे तेज मानी जा रही है।

    एफआईआई की वापसी से बाजार को मजबूती

    विदेशी संस्थागत निवेशक (FII) पिछले कुछ हफ्तों से भारतीय इक्विटी मार्केट में लगातार निवेश बढ़ा रहे हैं। अक्टूबर माह के पहले तीन सप्ताह में एफआईआई ने करीब 12,400 करोड़ रुपये की खरीदारी की है।
    विश्लेषकों का मानना है कि फेड रेट कटौती की संभावना ने उभरते बाजारों में विदेशी निवेश को दोबारा आकर्षित किया है।

    बाजार विशेषज्ञों की राय

    एचडीएफसी सिक्योरिटीज के विश्लेषक अजीत मिश्रा के अनुसार, “बाजार में तेजी का ट्रिगर अमेरिका के आर्थिक आंकड़े हैं। यदि फेड रेट कटौती की दिशा में आगे बढ़ता है, तो यह वैश्विक इक्विटी मार्केट के लिए बड़ा बूस्टर साबित होगा। भारत को इसका सबसे अधिक फायदा मिल सकता है क्योंकि यहां की अर्थव्यवस्था स्थिर और ग्रोथ-ड्रिवन है।”

    वहीं, कोटक सिक्योरिटीज की रिपोर्ट के मुताबिक, आने वाले हफ्तों में मेटल, बैंकिंग और इंफ्रास्ट्रक्चर सेक्टर में निवेशकों की दिलचस्पी और बढ़ेगी। टाटा स्टील और रिलायंस के शेयरों में लांग-टर्म पॉजिटिव ट्रेंड की संभावना है।

    रुपये और क्रूड में राहत का असर

    सोमवार को विदेशी मुद्रा बाजार में भारतीय रुपया भी मजबूत हुआ। डॉलर के मुकाबले रुपया 10 पैसे की मजबूती के साथ 82.93 पर पहुंचा। वहीं, क्रूड ऑयल की कीमतों में गिरावट से भी बाजार को बल मिला है।
    ब्रेंट क्रूड 89 डॉलर प्रति बैरल से नीचे आ गया है, जिससे भारत के इम्पोर्ट बिल पर दबाव कम हुआ है।

    आगे क्या?

    विशेषज्ञों का कहना है कि आने वाले कुछ दिनों में बाजार में उतार-चढ़ाव जरूर देखने को मिल सकता है, लेकिन दीर्घकालिक रुझान सकारात्मक बना रहेगा। नवंबर के पहले सप्ताह में भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) की मौद्रिक नीति बैठक होने वाली है, जहां ब्याज दरों में स्थिरता की उम्मीद है। यदि आरबीआई का रुख नरम रहता है, तो यह बाजार के लिए एक और सकारात्मक संकेत साबित होगा।

    अमेरिका से मिली इस ‘गुड न्यूज’ ने भारतीय बाजार को नई ऊर्जा दी है। वैश्विक अर्थव्यवस्था में स्थिरता और निवेशकों के भरोसे के साथ सेंसेक्स और निफ्टी आने वाले हफ्तों में नई बुलिश ऊंचाइयों को छू सकते हैं।

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