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गुरुवार को सोने और चांदी की कीमतों में बड़ी गिरावट देखने को मिली। अमेरिकी सेंट्रल बैंक फेड रिजर्व ने ब्याज दरों में 25 बीपीएस की कटौती की, लेकिन भविष्य में और कटौती करने से परहेज करने का संकेत दिया। इसके असर से भारतीय बाजार में सोने और चांदी की कीमतों में लगातार कमी दर्ज की गई।
एमसीएक्स पर शुरुआती कारोबार में 5 दिसंबर की डिलीवरी वाला सोना 1,20,666 रुपये प्रति 10 ग्राम से खुला और कारोबार के दौरान 2,000 रुपये तक गिरकर 1,18,665 रुपये तक आ गया। शुरुआती कारोबार में सोने का उच्चतम स्तर 1,20,489 रुपये और निम्नतम स्तर 1,18,665 रुपये रहा। 12.20 बजे सोना 571 रुपये की गिरावट के साथ 1,20,095 रुपये पर ट्रेड कर रहा था।
विशेषज्ञों का कहना है कि ब्याज दरों के संकेत और अमेरिकी डॉलर की मजबूती सोने और चांदी जैसी कीमती धातुओं की कीमतों को प्रभावित कर रहे हैं। डॉलर की मजबूती निवेशकों की मांग को प्रभावित करती है, जिससे सोने और चांदी की कीमतों में गिरावट आती है।
चांदी में भी गुरुवार को गिरावट देखने को मिली। 5 दिसंबर डिलीवरी वाली चांदी पिछले सत्र में 1,46,081 रुपये प्रति किलो के भाव पर बंद हुई थी और आज 1,45,498 रुपये पर खुली। शुरुआती कारोबार में चांदी का उच्चतम स्तर 1,46,000 रुपये और निम्नतम स्तर 1,44,402 रुपये रहा। 12.25 बजे चांदी 419 रुपये की गिरावट के साथ 1,45,662 रुपये पर ट्रेड कर रही थी।
बाजार विश्लेषकों का कहना है कि सोने और चांदी की कीमतों में यह गिरावट निवेशकों के लिए सतर्कता का संकेत है। वैश्विक आर्थिक स्थिति, अमेरिकी फेड रिजर्व की नीतियां और डॉलर की मजबूती की वजह से कीमती धातुओं में उतार-चढ़ाव आम बात है। विशेषज्ञ निवेशकों को सलाह दे रहे हैं कि वे दीर्घकालिक दृष्टिकोण अपनाकर ही निवेश करें।
गुरुवार की गिरावट के बावजूद सोने और चांदी में निवेश करने वाले लोग आशावादी बने हुए हैं। उनका मानना है कि वैश्विक आर्थिक परिस्थितियों में बदलाव और मांग में वृद्धि से कीमतों में जल्द ही स्थिरता और उछाल देखने को मिल सकता है।
विशेषज्ञों ने यह भी बताया कि वर्तमान भाव में सोने और चांदी खरीदना निवेशकों के लिए एक अवसर भी हो सकता है। क्योंकि दीर्घकालिक निवेश में उतार-चढ़ाव का होना सामान्य है, और भविष्य में वैश्विक संकेतकों और भारतीय मांग के आधार पर कीमतों में तेजी देखने को मिल सकती है।
सोने और चांदी की कीमतों में यह गिरावट ज्वेलर्स और आभूषण उद्योग के लिए भी महत्वपूर्ण है। ज्वेलर्स इस अवसर का उपयोग अपने व्यापार और ग्राहक मांग के संतुलन के लिए कर सकते हैं। इसके अलावा, निवेशक भी अपने पोर्टफोलियो का पुनर्मूल्यांकन कर सकते हैं और सही समय पर खरीद-बिक्री का निर्णय ले सकते हैं।





