इस खबर को सुनने के लिये प्ले बटन को दबाएं।

रिटायरमेंट प्लानिंग को लेकर भारतीयों की सोच में बदलाव देखने को मिल रहा है। एक लेटेस्ट स्टडी के अनुसार, शहरों में रहने वाले आधे से ज्यादा भारतीय अब जल्दी रिटायर होने की योजना बनाने लगे हैं। इस आंकड़े से पता चलता है कि लंबे समय तक काम करते रहने की बजाय युवा और मध्यवर्गीय पेशेवर अब अपनी आर्थिक स्वतंत्रता को प्राथमिकता दे रहे हैं।
विशेषज्ञों के अनुसार, इसके पीछे मुख्य कारण बढ़ती महंगाई, जीवनशैली की बदलती प्राथमिकताएं और निवेश में जागरूकता है। पहले भारतीय आमतौर पर सरकारी पेंशन या प्रोफेशनल सैलरी पर निर्भर रहते थे, लेकिन अब वित्तीय बाजार, म्यूचुअल फंड्स, रियल एस्टेट और अन्य निवेश साधनों के प्रति लोगों की रुचि बढ़ रही है। इस स्टडी में यह भी सामने आया कि शहरी क्षेत्रों में रहने वाले लोग बचत और निवेश के जरिए 50–55 की उम्र में रिटायर होना चाहते हैं।
अध्ययन में यह भी पता चला कि अधिकांश लोग अब रिटायरमेंट के लिए पारंपरिक बचत योजनाओं के अलावा म्यूचुअल फंड्स, स्टॉक्स और डिजिटल निवेश विकल्पों को अपनाने लगे हैं। युवा पेशेवर चाहते हैं कि उनकी आय का बड़ा हिस्सा निवेश में जाए ताकि वे जल्दी रिटायर होकर जीवन का आनंद ले सकें। इस प्रवृत्ति से वित्तीय सेवाओं और रिटायरमेंट प्लानिंग उद्योग को भी नए अवसर मिल रहे हैं।
स्टडी में यह भी खुलासा हुआ कि महिलाएं रिटायरमेंट प्लानिंग में पुरुषों की तुलना में अधिक सतर्क और जागरूक हो रही हैं। महिलाएं अपनी आर्थिक स्वतंत्रता के लिए समय से निवेश करना और वित्तीय योजना तैयार करना पसंद कर रही हैं। इसके अलावा, स्वास्थ्य और जीवनशैली के प्रति बढ़ती जागरूकता भी रिटायरमेंट की योजना बनाने में सहायक साबित हो रही है।
विशेषज्ञों का कहना है कि जल्दी रिटायरमेंट की योजना बनाना केवल आर्थिक स्वतंत्रता तक सीमित नहीं है। इसका असर जीवनशैली, मानसिक स्वास्थ्य और परिवार के साथ समय बिताने की प्राथमिकताओं पर भी पड़ता है। लोग अब काम के दबाव से जल्दी छुटकारा पाने और व्यक्तिगत विकास पर ध्यान देने के लिए रिटायरमेंट की तैयारी में सक्रिय हो रहे हैं।
रिटायरमेंट प्लानिंग को लेकर यह बदलाव वित्तीय संस्थानों और निवेश कंपनियों के लिए भी महत्वपूर्ण संकेत है। बैंक और म्यूचुअल फंड कंपनियां अब युवा पेशेवरों को ध्यान में रखते हुए नए निवेश विकल्प और योजनाएं पेश कर रही हैं। इसके अलावा, डिजिटल प्लेटफॉर्म के माध्यम से रिटायरमेंट की जानकारी और निवेश सुझाव आसान तरीके से उपलब्ध कराए जा रहे हैं।
अध्ययन में यह भी बताया गया कि शहरों में रहने वाले लोग रिटायरमेंट के लिए औसतन 20–25 साल की योजना बना रहे हैं। इसका मतलब है कि युवा पेशेवर 25–30 की उम्र में ही अपने वित्तीय लक्ष्य तय कर रहे हैं और निवेश शुरू कर रहे हैं। इससे उन्हें लंबे समय में निवेश पर बेहतर रिटर्न मिलने की संभावना बढ़ जाती है।






