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दिल्ली के प्रसिद्ध बांके बिहारी मंदिर में श्रद्धालुओं की सुविधा को लेकर कमिटी ने एक अहम निर्णय लिया है। मंदिर की हाई पावर्ड कमिटी ने तय किया है कि अब मंदिर में चढ़ावा केवल उन बैंकों के माध्यम से रखा जाएगा जो श्रद्धालुओं की सुविधा को ध्यान में रखते हुए चुने गए हैं। यह फैसला मंदिर प्रबंधन द्वारा मंदिर में व्यवस्था को सरल और व्यवस्थित बनाने के लिए किया गया है।
मंदिर कमिटी की बैठक में यह निर्णय लिया गया कि अब श्रद्धालु सीधे मंदिर में नगद या अन्य माध्यम से चढ़ावा नहीं रख सकेंगे। इसके बजाय चयनित बैंक के माध्यम से ही चढ़ावा स्वीकार किया जाएगा। कमिटी ने बताया कि यह कदम न केवल श्रद्धालुओं के लिए सुविधा बढ़ाने के लिए है बल्कि मंदिर की सुरक्षा और वित्तीय ट्रैकिंग को भी मजबूत करेगा।
मंदिर में प्रतिदिन हजारों श्रद्धालु आते हैं और उनका चढ़ावा सीधे मंदिर में रखना कभी-कभी अव्यवस्थित हो जाता था। इस नए प्रावधान से मंदिर प्रशासन को चढ़ावा के संग्रह और ट्रैकिंग में भी आसानी होगी। कमिटी के सदस्यों का कहना है कि चयनित बैंक उन सभी सेवाओं को उपलब्ध कराएगा जो श्रद्धालुओं के लिए सरल और सुविधाजनक हों, जैसे डिजिटल भुगतान, ऑनलाइन चढ़ावा रसीद, और काउंटर सुविधा।
हाई पावर्ड कमिटी की बैठक में यह भी चर्चा हुई कि मंदिर में आने वाले श्रद्धालुओं की संख्या में वृद्धि के कारण चढ़ावा और व्यवस्था को पूरी तरह व्यवस्थित करना जरूरी हो गया है। कमिटी ने कहा कि यह कदम मंदिर की पारंपरिक रीति-रिवाज और आधुनिक सुविधाओं के बीच संतुलन बनाए रखने के लिए उठाया गया है।
मंदिर सचिव ने बताया कि चयनित बैंक को लेकर जल्द ही आधिकारिक घोषणा की जाएगी। इस बैंक के माध्यम से श्रद्धालु अपने चढ़ावे को सुरक्षित और प्रमाणित तरीके से मंदिर में जमा कर सकेंगे। मंदिर प्रशासन यह भी सुनिश्चित करेगा कि डिजिटल भुगतान और ऑनलाइन माध्यम से चढ़ावा देने वाले श्रद्धालुओं को रसीद तुरंत उपलब्ध कराई जाए।
कमिटी के अनुसार, यह निर्णय श्रद्धालुओं की सुरक्षा और सुविधा दोनों को ध्यान में रखते हुए लिया गया है। मंदिर में चढ़ावा रखने के पुराने तरीके में कई बार परेशानी और अव्यवस्था उत्पन्न होती थी, जिसे अब इस नई व्यवस्था से पूरी तरह रोका जा सकेगा।
इस कदम से मंदिर के वित्तीय प्रबंधन में पारदर्शिता भी बढ़ेगी। कमिटी ने कहा कि सभी चढ़ावे की ट्रैकिंग और रिकॉर्डिंग बैंक के माध्यम से होगी, जिससे भविष्य में किसी भी विवाद या असुविधा की संभावना न्यूनतम हो जाएगी।
मंदिर में आने वाले श्रद्धालु इस निर्णय को स्वागत योग्य मान रहे हैं। उनका कहना है कि अब उन्हें लंबे समय तक लाइन में खड़े होने की आवश्यकता नहीं होगी और चढ़ावा जमा करने की प्रक्रिया अधिक सुरक्षित और सुविधाजनक बन जाएगी।
बांके बिहारी मंदिर कमिटी ने यह भी कहा कि यह कदम मंदिर की परंपराओं का उल्लंघन नहीं करता, बल्कि श्रद्धालुओं के लिए एक आधुनिक और सुरक्षित व्यवस्था प्रदान करता है। इसके साथ ही मंदिर प्रशासन ने सभी भक्तों से अपील की है कि वे नए प्रावधानों का पालन करें और अपने चढ़ावे को केवल चयनित बैंक के माध्यम से ही जमा करें।
मंदिर प्रशासन का यह भी कहना है कि भविष्य में श्रद्धालुओं के अनुभव को और बेहतर बनाने के लिए और भी नई सुविधाएं लाई जाएंगी। डिजिटल और आधुनिक सुविधाओं के साथ, मंदिर की पुरानी परंपराओं का सम्मान बनाए रखा जाएगा।
बांके बिहारी मंदिर के इस कदम से दिल्ली में धार्मिक स्थलों पर डिजिटल और व्यवस्थित भुगतान प्रणाली को बढ़ावा मिलेगा और श्रद्धालु अब बिना किसी परेशानी के अपने चढ़ावे को सुरक्षित रूप से अर्पित कर सकेंगे।








