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नवंबर का महीना शुरू होते ही सर्द हवाओं की दस्तक महसूस की जाने लगी है। अब भारतीय मौसम विभाग (IMD) ने देशभर के मौसम को लेकर बड़ा अपडेट जारी किया है। विभाग के अनुसार, इस बार नवंबर में ही देश के कई हिस्सों में कड़ाके की ठंड शुरू हो सकती है। वहीं, कुछ क्षेत्रों में सामान्य से अधिक बारिश होने की संभावना भी जताई गई है। मौसम विभाग का अनुमान है कि नवंबर के अधिकांश हिस्सों में अधिकतम तापमान सामान्य से कम रहेगा, जबकि न्यूनतम तापमान उत्तर-पश्चिम भारत के कुछ इलाकों को छोड़कर सामान्य से अधिक दर्ज किया जा सकता है।
मौसम विभाग ने कहा है कि इस बार ठंड की शुरुआत सामान्य समय से थोड़ा पहले हो सकती है, खासकर उत्तर भारत, हिमाचल प्रदेश, उत्तराखंड, जम्मू-कश्मीर, हरियाणा, पंजाब और राजस्थान जैसे इलाकों में। इन राज्यों में नवंबर के मध्य से ही तापमान में तेज गिरावट देखी जा सकती है। वहीं, दिल्ली-एनसीआर में भी पारा तेजी से नीचे आने के संकेत मिले हैं।
IMD की मासिक रिपोर्ट के अनुसार, इस बार उत्तर भारत में ठंडी हवाएं जल्दी सक्रिय होंगी। उत्तर-पश्चिम दिशा से आ रही हवाएं मैदानी इलाकों का तापमान घटा सकती हैं। वहीं, पूर्वी और दक्षिणी राज्यों — खासकर ओडिशा, झारखंड, पश्चिम बंगाल, तेलंगाना और तमिलनाडु — में न्यूनतम तापमान सामान्य से थोड़ा अधिक रह सकता है। इसका अर्थ है कि इन क्षेत्रों में रातें अपेक्षाकृत गर्म और नमी वाली होंगी।
इसके अलावा, मौसम विभाग ने बताया कि नवंबर के महीने में देश के कई हिस्सों में सामान्य से अधिक वर्षा होने के आसार हैं। खासकर दक्षिणी प्रायद्वीपीय भारत और पूर्वोत्तर राज्यों में बारिश की गतिविधियां बढ़ सकती हैं। तमिलनाडु, आंध्र प्रदेश, केरल और कर्नाटक के कुछ इलाकों में सक्रिय पूर्वोत्तर मानसून के चलते भारी बारिश की संभावना जताई गई है। वहीं, उत्तरी भारत में हल्की बूंदाबांदी और कोहरे की स्थिति बन सकती है।
दिल्ली और आसपास के इलाकों में भी नवंबर के मध्य से तापमान में गिरावट की संभावना है। IMD के अनुसार, रात का तापमान 10 डिग्री सेल्सियस के आसपास पहुंच सकता है, जबकि दिन का तापमान भी 25 डिग्री सेल्सियस से नीचे आने की संभावना है। इसके साथ ही प्रदूषण का स्तर भी बढ़ने की चेतावनी दी गई है, क्योंकि ठंडी हवा और धुंध मिलकर स्मॉग की स्थिति पैदा कर सकते हैं।
मौसम विशेषज्ञों का कहना है कि इस बार ठंड की तीव्रता पिछले दो वर्षों की तुलना में अधिक रह सकती है। ग्लोबल क्लाइमेट पैटर्न में चल रहे एल-नीनो प्रभाव के कारण उत्तरी भारत में सर्द हवाओं की सक्रियता बढ़ सकती है, जिससे दिसंबर से पहले ही ठंडक महसूस होने लगेगी।
आईएमडी के वैज्ञानिक डॉ. आर.के. जेन ने बताया कि नवंबर के दूसरे पखवाड़े से देश के कई हिस्सों में तापमान में गिरावट शुरू हो जाएगी। उन्होंने कहा, “उत्तर भारत में इस बार सर्दी जल्दी दस्तक देगी। उत्तर-पश्चिमी हवाएं पहले से सक्रिय हो रही हैं, जो ठंड को बढ़ाने में अहम भूमिका निभाएंगी। वहीं, दक्षिण भारत में मानसून की गतिविधियां नवंबर मध्य तक जारी रहेंगी।”
मौसम विभाग की चेतावनी के बाद कृषि विशेषज्ञों ने किसानों को सलाह दी है कि वे फसलों को ओस और ठंड से बचाने के लिए आवश्यक कदम उठाएं। विशेष रूप से सब्जियों और दलहन फसलों में नमी बनाए रखने और तापमान के प्रभाव को कम करने के लिए सिंचाई और कवच उपाय अपनाने की बात कही गई है।
देश के उत्तरी पहाड़ी इलाकों — कश्मीर, लद्दाख और हिमाचल प्रदेश — में इस महीने के अंत तक बर्फबारी शुरू हो सकती है। कुछ स्थानों पर हल्की बर्फबारी की संभावना पहले ही जताई गई है, जिससे तापमान में और गिरावट आएगी।
भारतीय मौसम विभाग की रिपोर्ट बताती है कि नवंबर 2025 देशभर के लिए तापमान और वर्षा दोनों ही मामलों में असामान्य रहने वाला है। जहां एक ओर दक्षिण भारत में बारिश राहत और नमी लेकर आएगी, वहीं उत्तर भारत में जल्दी आने वाली सर्द हवाएं इस बार ठंड को और कड़ाके की बना सकती हैं। आने वाले दिनों में तापमान में गिरावट के साथ कोहरे और स्मॉग की समस्या भी बढ़ सकती है।








