• Create News
  • Nominate Now

    राज ठाकरे का राजनीतिक रणनीति विवादित: मराठी-हिंदू वोटर्स को टारगेट, मुस्लिम मतदाताओं पर शेलार का आरोप

    इस खबर को सुनने के लिये प्ले बटन को दबाएं।

    महाराष्ट्र की राजनीति में एक बार फिर हलचल मच गई है। मुंबई भाजपा के पूर्व अध्यक्ष और महाराष्ट्र के सांस्कृतिक मामलों के मंत्री आशीष शेलार ने महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना (मनसे) और महा विकास अघाड़ी (एमवीए) पर गंभीर आरोप लगाए हैं। शेलार का कहना है कि राज ठाकरे जानबूझकर राजनीतिक रणनीति के तहत केवल मराठी और हिंदू मतदाताओं पर ध्यान केंद्रित कर रहे हैं और मुस्लिम मतदाताओं को अनदेखा किया जा रहा है।

    शेलार ने इस आरोप को सार्वजनिक करते हुए कहा कि यह स्थिति राज्य में लोकतांत्रिक प्रक्रिया और सामाजिक संतुलन के लिए खतरा पैदा कर सकती है। उन्होंने जोर देकर कहा कि किसी भी राजनीतिक पार्टी का कर्तव्य सभी मतदाताओं का सम्मान करना और समान रूप से उनकी समस्याओं का समाधान करना होना चाहिए। उनके अनुसार, मुस्लिम मतदाताओं की अनदेखी करके केवल एक विशेष समुदाय को टारगेट करना अनुचित है।

    इस विवादित बयान के बाद महाराष्ट्र में राजनीतिक हलचल तेज हो गई है। मनसे के कार्यकर्ता और समर्थक शेलार के आरोपों का जवाब देने के लिए तैयार हैं, जबकि विपक्ष ने इसे राजनीतिक प्रचार का हिस्सा बताते हुए मामला शांत करने की कोशिश की है। शेलार ने कहा कि मतदान और मतदाता सूची में हो रहे बदलावों पर भी मनसे की नीति प्रभावित हो रही है। उन्होंने आरोप लगाया कि मुस्लिम मतदाताओं की पहचान को अनदेखा किया जा रहा है और उनका राजनीतिक प्रतिनिधित्व कम किया जा रहा है।

    राज ठाकरे और मनसे ने फिलहाल शेलार के आरोपों पर कोई आधिकारिक प्रतिक्रिया नहीं दी है, लेकिन राजनीतिक विश्लेषकों का कहना है कि यह बयान आगामी विधानसभा चुनाव के संदर्भ में एक रणनीतिक बयान भी हो सकता है। महाराष्ट्र में अगले साल होने वाले चुनावों में राजनीतिक दलों के बीच मतदाता आधार को लेकर कड़ी टक्कर देखने को मिल सकती है।

    शेलार ने अपने बयान में यह भी कहा कि मनसे और एमवीए को धार्मिक और भाषाई आधार पर मतदाताओं के बीच विभाजन करने से बचना चाहिए। उन्होंने जोर देकर कहा कि महाराष्ट्र की राजनीति में सामाजिक सामंजस्य और सभी समुदायों के मतदाताओं का ध्यान रखना जरूरी है। उनके अनुसार, केवल मराठी और हिंदू मतदाताओं पर ध्यान केंद्रित करना राजनीति में असंतुलन पैदा कर सकता है।

    राज ठाकरे ने पिछले कुछ महीनों में कई रैलियों और कार्यक्रमों में मराठी और हिंदू मतदाताओं के बीच अपनी लोकप्रियता बढ़ाने की कोशिश की है। उन्होंने स्थानीय मुद्दों और सांस्कृतिक पहचान पर जोर देते हुए अपने राजनीतिक संदेश को केंद्रित किया है। ऐसे में शेलार के आरोपों के बाद राजनीतिक हलचल बढ़ गई है और चुनावी रणनीति पर सवाल उठ रहे हैं।

    विशेषज्ञों का कहना है कि महाराष्ट्र में आगामी विधानसभा चुनाव के लिए राजनीतिक दलों के बीच मतदाताओं को टारगेट करना सामान्य प्रक्रिया है, लेकिन किसी समुदाय को जानबूझकर अनदेखा करना गंभीर राजनीतिक विवाद को जन्म दे सकता है। शेलार के बयान ने यह स्पष्ट कर दिया है कि राज्य की राजनीति में अब धार्मिक और भाषाई आधार पर मतदाताओं का मुद्दा जोर पकड़ सकता है।

    इस पूरे घटनाक्रम ने महाराष्ट्र की राजनीति में नए बहस का विषय खड़ा कर दिया है। आने वाले दिनों में मनसे और एमवीए की ओर से इस पर जवाब या स्पष्टीकरण आने की संभावना है। राज्य के मतदाताओं की प्रतिक्रिया और राजनीतिक दलों की रणनीति इस विवाद को और भी गर्मा सकती है।

    न्यूज़ शेयर करने के लिए क्लिक करें .
  • Advertisement Space

    Related Posts

    दादर कबूतरखाना बंद होने के विरोध में जैन साधु ने रखा उपवास, शहर में शुरू हुआ विरोध प्रदर्शन

    इस खबर को सुनने के लिये प्ले बटन को दबाएं। मुंबई के दादर में स्थित ऐतिहासिक कबूतरखाना को बंद किए जाने के विरोध में एक जैन साधु ने अनिश्चितकालीन उपवास…

    Continue reading
    MSRTC बनाएगा सोलर एनर्जी प्रोजेक्ट्स, सालाना 1000 करोड़ की बिजली उत्पादन की योजना

    इस खबर को सुनने के लिये प्ले बटन को दबाएं। महाराष्ट्र राज्य सड़क परिवहन निगम (MSRTC) ने सौर ऊर्जा के क्षेत्र में एक महत्वाकांक्षी योजना की घोषणा की है। निगम…

    Continue reading

    Leave a Reply

    Your email address will not be published. Required fields are marked *