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मुंबई नगर निगम (BMC) जल्द ही मनोरी में प्रस्तावित डीसालिनेशन प्लांट के लिए चुनी गई कंपनी के साथ बातचीत शुरू करने वाला है। यह पहल शहर में पीने के पानी की बढ़ती मांग और सीमित जल संसाधनों के समाधान के लिए की जा रही है। डीसालिनेशन प्लांट के निर्माण से समुद्री जल को शुद्ध करके पीने योग्य पानी में परिवर्तित किया जाएगा, जिससे मुंबई के जल संकट को काफी हद तक कम करने में मदद मिलेगी।
बिड प्रक्रिया में चयनित कंपनी के साथ बातचीत का उद्देश्य लागत, तकनीकी पहलू, समयसीमा और अन्य कानूनी शर्तों पर समझौता करना है। मुंबई BMC का मानना है कि इस परियोजना के सफल क्रियान्वयन से शहर के लाखों नागरिकों को स्वच्छ और सुरक्षित पीने का पानी उपलब्ध हो सकेगा।
मनोरी डीसालिनेशन प्लांट की योजना पिछले कुछ वर्षों से चर्चा में रही है। शहर के जल प्रबंधन विभाग ने इसे प्राथमिकता दी है क्योंकि मानसून पर निर्भरता कम करने के लिए स्थायी जल स्रोत की आवश्यकता बढ़ गई है। BMC अधिकारियों ने कहा है कि प्लांट के लिए सभी तकनीकी और पर्यावरणीय अनुमतियाँ पहले ही पूरी कर ली गई हैं, और अब केवल निर्माण समझौते पर अंतिम हस्ताक्षर शेष हैं।
इस परियोजना की विशेषता यह है कि यह आधुनिक तकनीक का इस्तेमाल करेगी। प्लांट में समुद्री जल को फिल्टर और रिवर्स ऑस्मोसिस प्रक्रिया के माध्यम से शुद्ध किया जाएगा। इससे न केवल पानी की गुणवत्ता में सुधार होगा, बल्कि शहर के जल आपूर्ति नेटवर्क पर दबाव भी कम होगा।
मुंबई के विभिन्न हिस्सों में पानी की कमी एक गंभीर समस्या बनी हुई है, खासकर ग्रीष्मकालीन महीनों में। मनोरी डीसालिनेशन प्लांट के चालू होने के बाद यह समस्या काफी हद तक कम हो सकती है। विशेषज्ञों का कहना है कि यदि परियोजना समय पर पूरी हो जाती है, तो यह मुंबई की जल सुरक्षा के लिए एक महत्वपूर्ण कदम साबित होगी।
BMC अधिकारियों ने यह भी स्पष्ट किया है कि बातचीत के दौरान प्लांट की लागत, रखरखाव, बिजली की खपत और अन्य परिचालन पहलुओं पर गहन विचार किया जाएगा। साथ ही, स्थानीय समुदाय और पर्यावरण विशेषज्ञों की राय को भी महत्व दिया जाएगा ताकि परियोजना सतत और पर्यावरण अनुकूल हो।
मनोरी डीसालिनेशन प्लांट केवल मुंबई के लिए ही नहीं, बल्कि आसपास के उपनगरों के लिए भी पानी की आपूर्ति सुनिश्चित करेगा। BMC का लक्ष्य है कि यह परियोजना जल्द से जल्द चालू हो और मुंबई के नागरिकों को निर्बाध जल आपूर्ति मिल सके।
इस परियोजना के सफल होने से शहर में जल संकट के प्रति लोगों का विश्वास बढ़ेगा और यह मॉडल भविष्य में अन्य शहरों के लिए भी प्रेरणा बनेगा।
मुंबई BMC ने उम्मीद जताई है कि बातचीत सकारात्मक रहेगी और कंपनी जल्द ही परियोजना के लिए आवश्यक संसाधनों और तकनीकी विशेषज्ञता उपलब्ध कराएगी। इस कदम से शहर की जल सुरक्षा मजबूत होगी और नागरिकों को पर्याप्त पीने का पानी समय पर उपलब्ध होगा।
इस परियोजना पर निगरानी रखने के लिए BMC ने विशेष टीम का गठन किया है जो निर्माण, संचालन और गुणवत्ता नियंत्रण का लगातार निरीक्षण करेगी।
मुंबईवासियों के लिए यह खबर निश्चित रूप से राहत देने वाली है, क्योंकि मनोरी डीसालिनेशन प्लांट के चालू होने से आने वाले वर्षों में शहर में जल संकट को काफी हद तक कम किया जा सकेगा।








