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महाराष्ट्र राज्य सड़क परिवहन निगम (MSRTC) ने सौर ऊर्जा के क्षेत्र में एक महत्वाकांक्षी योजना की घोषणा की है। निगम ने देश के हरित ऊर्जा लक्ष्यों को ध्यान में रखते हुए सोलर एनर्जी प्रोजेक्ट्स शुरू करने की योजना बनाई है। इन परियोजनाओं के माध्यम से MSRTC सालाना 1000 करोड़ रुपये मूल्य के बिजली उत्पादन का लक्ष्य हासिल करना चाहती है।
MSRTC के अधिकारियों के अनुसार, यह पहल न केवल निगम की ऊर्जा लागत को कम करेगी, बल्कि राज्य और देश के लिए हरित ऊर्जा उत्पादन में भी योगदान देगी। सोलर पैनल और अन्य सौर तकनीकों का उपयोग करके निगम अपने डिपो और गाड़ियों के लिए आवश्यक बिजली का उत्पादन करेगा। इससे पारंपरिक ऊर्जा स्रोतों पर निर्भरता भी घटेगी।
इस योजना के तहत पहले चरण में कुछ प्रमुख डिपो में सोलर पैनल लगाए जाएंगे। इसके बाद धीरे-धीरे इसे पूरे राज्य में लागू किया जाएगा। अधिकारियों ने बताया कि यह परियोजना आधुनिक तकनीक और ऊर्जा प्रबंधन प्रणाली के साथ तैयार की जाएगी, जिससे बिजली उत्पादन और खपत का संतुलन बेहतर होगा।
MSRTC ने यह भी कहा कि सोलर एनर्जी प्रोजेक्ट्स के माध्यम से निगम को लंबे समय में काफी आर्थिक लाभ होने की उम्मीद है। सालाना 1000 करोड़ रुपये मूल्य के बिजली उत्पादन से निगम की लागत कम होगी और बिजली की खपत पर नियंत्रण में भी मदद मिलेगी। साथ ही, यह परियोजना पर्यावरण संरक्षण और हरित ऊर्जा के क्षेत्र में महाराष्ट्र की अग्रणी स्थिति को और मजबूत करेगी।
विशेषज्ञों का कहना है कि यह पहल देश के अन्य सार्वजनिक परिवहन निगमों के लिए भी एक मॉडल बन सकती है। यदि MSRTC की योजना सफल होती है, तो यह राज्य में हरित ऊर्जा और नवीकरणीय ऊर्जा उत्पादन को बढ़ावा देने में मदद करेगी।
सौर ऊर्जा से उत्पादन होने वाली बिजली का उपयोग MSRTC के डिपो, बसों और अन्य कार्यालयों में किया जाएगा। इसके अलावा, अतिरिक्त उत्पादन को ग्रिड में जोड़कर अन्य उपभोक्ताओं के लिए भी बिजली उपलब्ध कराई जा सकती है। इससे निगम की आय में वृद्धि होगी और ऊर्जा लागत में दीर्घकालिक बचत होगी।
MSRTC अधिकारियों ने बताया कि इस योजना के लिए राज्य सरकार और ऊर्जा मंत्रालय से आवश्यक मंजूरी पहले ही ली जा चुकी है। परियोजना के तहत सोलर पैनल के निर्माण, स्थापना और रखरखाव पर विशेष ध्यान दिया जाएगा। इसके लिए निगम ने अनुभवी तकनीकी टीम का भी गठन किया है।
इस पहल से पर्यावरण संरक्षण को भी बढ़ावा मिलेगा। सौर ऊर्जा के उपयोग से निगम के कार्बन उत्सर्जन में कमी आएगी और पारंपरिक ऊर्जा स्रोतों पर दबाव घटेगा। विशेषज्ञों का कहना है कि यह परियोजना महाराष्ट्र को ऊर्जा सुरक्षा की दिशा में एक मजबूत कदम देगी।
सोलर एनर्जी प्रोजेक्ट्स के सफल कार्यान्वयन के बाद MSRTC सालाना 1000 करोड़ रुपये मूल्य के बिजली उत्पादन के साथ एक ऊर्जा आत्मनिर्भर निगम बन सकता है। यह न केवल निगम की वित्तीय स्थिति को मजबूत करेगा, बल्कि राज्य में हरित ऊर्जा उत्पादन के क्षेत्र में नई पहल की मिसाल भी बनेगा।
MSRTC का यह प्रयास पर्यावरण और आर्थिक दोनों दृष्टियों से महत्वपूर्ण है। अधिकारियों ने आश्वासन दिया है कि परियोजना निर्धारित समय पर पूरी की जाएगी और यह महाराष्ट्र और भारत के हरित ऊर्जा लक्ष्यों में महत्वपूर्ण योगदान देगी।








