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राजस्थान के भीलवाड़ा जिले में पुलिस ने एक बड़े अफीम तस्करी नेटवर्क का पर्दाफाश किया है। कोटड़ी थाना पुलिस ने शनिवार को एक अद्भुत और नाटकीय तरीके से हो रही अफीम तस्करी को पकड़ते हुए तीन तस्करों को गिरफ्तार किया। यह मामला “पुष्पा स्टाइल” तस्करी के रूप में सामने आया, जिसमें पानी के टैंकर का इस्तेमाल कर गुप्त ठिकाने में अफीम छुपाई जा रही थी।
पुलिस ने बताया कि यह तस्करी पिता-पुत्र सहित तीन लोगों के माध्यम से की जा रही थी। तस्करों ने अफीम को टैंकर में छुपाकर राज्य की सीमा पार करने की कोशिश की, लेकिन पुलिस की सतर्कता और सूझ-बूझ के कारण यह योजना नाकाम रही। मौके पर कुल 7 क्विंटल अफीम जब्त की गई, जिसकी कीमत लगभग एक करोड़ रुपये आंकी गई है। इसके साथ ही तस्करों की एक कार भी पुलिस ने जब्त की।
पुलिस अधिकारी ने बताया कि तस्करों ने अफीम को छुपाने के लिए पानी के टैंकर में विशेष जगह बनायी थी, जिसे सामान्य नजर से देख पाना मुश्किल था। इस तरह के गुप्त ठिकानों का निर्माण अपराधियों की रणनीति का हिस्सा होता है। लेकिन पुलिस ने तकनीकी जांच और गुप्त सूचना के आधार पर कार्रवाई करते हुए इस तस्करी को रोक दिया।
भीलवाड़ा पुलिस के अनुसार, इस गिरफ्तारी से इलाके में अफीम तस्करी की एक बड़ी कड़ी टूट गई है। पुलिस ने बताया कि तस्करों के खिलाफ गंभीर कानूनी कार्रवाई की जाएगी और इनके सहयोगियों की भी जांच की जा रही है। अधिकारियों का कहना है कि इस तरह की तस्करी को रोकने के लिए सतत निगरानी और गहन जांच आवश्यक है।
स्थानीय नागरिकों ने पुलिस की इस कार्रवाई की सराहना की और कहा कि इस प्रकार की तस्करी समाज में नशे की समस्या बढ़ा सकती है। उन्होंने पुलिस की सतर्कता और तेज़ कार्रवाई के लिए प्रशंसा की। पुलिस अधिकारियों ने भी यह स्पष्ट किया कि भविष्य में इस तरह की तस्करी को रोकने के लिए निगरानी और गुप्त अभियान जारी रहेंगे।
पुलिस ने कहा कि तस्करी में शामिल पिता-पुत्र सहित तीनों आरोपियों से पूछताछ की जा रही है। इससे यह पता लगाने का प्रयास किया जा रहा है कि यह तस्करी नेटवर्क कितना बड़ा था और किन अन्य इलाकों तक इसका असर फैला हुआ था। अधिकारियों ने इस बात पर जोर दिया कि इस कार्रवाई का उद्देश्य न केवल तस्करों को पकड़ना है बल्कि पूरे राज्य में अफीम तस्करी के खतरे को कम करना भी है।
इस घटना ने भीलवाड़ा जिले में कानून-व्यवस्था की स्थिति और पुलिस की सक्रियता को भी उजागर किया है। यह मामला उन तरीकों का उदाहरण है, जिनसे अपराधी नशीली वस्तुओं की तस्करी करने की कोशिश करते हैं और कैसे पुलिस तकनीकी और गुप्त निगरानी के जरिए उन्हें नाकाम करती है।
अंततः कहा जा सकता है कि भीलवाड़ा पुलिस की सतर्कता और तेज कार्रवाई ने एक बड़ी तस्करी योजना को विफल कर दिया। पिता-पुत्र सहित तीन तस्करों की गिरफ्तारी और 7 क्विंटल अफीम की जब्ती ने यह साबित कर दिया कि अपराधियों को किसी भी हाल में राज्य की सीमा पार करने की इजाजत नहीं दी जाएगी। यह घटना समाज और कानून व्यवस्था के लिए एक चेतावनी भी है कि तस्करी जैसी घातक गतिविधियों के खिलाफ पुलिस सतर्क और सख्त है।








