




ऑपरेशन सिंदूर में तीनों सेनाओं का तालमेल और रणनीतिक कौशल।
18 मई 2025 को रक्षा मंत्रालय ने बयान जारी कर बताया कि ऑपरेशन सिंदूर के दौरान भारतीय सेना, वायु सेना और नौसेना ने अभूतपूर्व तालमेल के साथ मिलकर काम किया।
यह अभियान पाकिस्तान के आतंकी ठिकानों को निशाना बनाने के लिए एक सटीक, संयमित और रणनीतिक कार्रवाई थी।
पहलगाम हमले के बाद भारत की जवाबी कार्रवाई
१. ऑपरेशन सिंदूर को एलओसी पार आतंकी ढांचों को खत्म करने के लिए शुरू किया गया था।
२. पाकिस्तान की तरफ से 8-10 मई को भारतीय सैन्य ठिकानों पर जवाबी हमले की कोशिश की गई, जिसे भारत ने सख्ती से नाकाम कर दिया।
३. पाक वायुसेना के ठिकाने, रडार स्टेशन, कमांड सेंटर और एयर डिफेंस सिस्टम को भारी नुकसान पहुंचाया गया।
भारतीय वायुसेना ने निभाई निर्णायक भूमिका
१. भारतीय वायुसेना ने पाकिस्तान में मौजूद आतंकी अड्डों पर सटीक हमले किए।
२. रियल-टाइम इंटेलिजेंस और सेंसर नेटवर्क के आधार पर हमले किए गए।
३. ऑपरेशन के लिए एकीकृत कमांड और नियंत्रण प्रणाली (ICCS) का उपयोग किया गया, जिसने खतरे की पहचान और कार्रवाई को तेज किया।
भारतीय नौसेना की समुद्री रणनीति और कैरियर बैटल ग्रुप की भूमिका
१. भारतीय नौसेना ने समुद्र में कैरियर बैटल ग्रुप (CBG) की तैनाती की, जिसमें मिग-29K फाइटर जेट्स और एडवांस्ड राडार हेलीकॉप्टर शामिल थे।
२. CBG ने मकरान तट के पास दुश्मन की घुसपैठ को रोका और एक शक्तिशाली वायु रक्षा कवच तैयार किया।
३. नौसेना के पायलटों ने 24×7 मिशन उड़ानें भरकर भारत की तत्परता और प्रभुत्व को स्थापित किया।
ऑपरेशन सिंदूर के पीछे थी खुफिया जानकारी और सूक्ष्म योजना
१. रक्षा मंत्रालय ने बताया कि यह अभियान सावधानीपूर्वक तैयार योजना और खुफिया जानकारी के आधार पर संचालित किया गया था।
२. न्यूनतम क्षति, अधिकतम प्रभाव की नीति अपनाई गई।
३. सरकार, रक्षा विभाग और एजेंसियों ने मिलकर एकीकृत रणनीति से कार्य किया।
पाकिस्तानी सैन्य प्रतिष्ठानों को पहुंचा बड़ा नुकसान
१. ऑपरेशन सिंदूर में पाकिस्तान के कई सैन्य ठिकानों को गंभीर नुकसान पहुंचा।
२. इस कार्रवाई के बाद 10 मई को विदेश सचिव विक्रम मिसरी ने घोषणा की कि भारत और पाकिस्तान तत्काल प्रभाव से सभी प्रकार की सैन्य कार्रवाई रोकने पर सहमत हो गए हैं।