




विदेश मंत्री ने अमेरिकी दावों को किया खारिज, बोले- सीजफायर केवल DGMO स्तर की बातचीत से हुआ।
नई दिल्ली: ऑपरेशन सिंदूर के बाद भारत-पाकिस्तान के बीच हुए संघर्षविराम पर अमेरिकी दावों को लेकर उठे सियासी तूफान के बीच विदेश मंत्री एस. जयशंकर ने स्थिति पूरी तरह स्पष्ट कर दी है। उन्होंने कहा कि भारत को किसी भी तीसरे देश के दखल की ज़रूरत नहीं थी और अगर पाकिस्तान न्यूक्लियर हमला करता, तो भारत उससे भी बड़ा जवाब देने को तैयार था।
विदेश मामलों की कमेटी में हुआ बड़ा खुलासा
विदेश मामलों की कंसल्टेटिव कमेटी की बैठक में विदेश मंत्री एस. जयशंकर ने विपक्ष के नेताओं को स्पष्ट संदेश दिया। उन्होंने कहा: “जब अमेरिका ने कहा कि पाकिस्तान बड़ा हमला कर सकता है, तो हमने साफ कहा – अगर वो बड़ा हमला करेगा, तो हम उससे भी बड़ा करेंगे।”
जयशंकर ने कहा कि अमेरिका या किसी तीसरे देश ने संघर्षविराम में कोई मध्यस्थता नहीं की। यह केवल भारत और पाकिस्तान के डीजीएमओ के बीच बातचीत के आधार पर हुआ।
ऑपरेशन सिंदूर में सिर्फ आतंकी ठिकानों को बनाया गया निशाना
जयशंकर ने यह भी कहा कि भारत ने ऑपरेशन सिंदूर में सिर्फ आतंकवादी ठिकानों को ही निशाना बनाया और इस बारे में पाकिस्तान को समय रहते जानकारी दी गई थी।
“ऑपरेशन सिंदूर के कुछ समय बाद ही हमने पाकिस्तान को सूचित किया था कि हम केवल आतंकियों को निशाना बना रहे हैं।”
मीडिया में बयानबाज़ी से बचें – जयशंकर की सलाह
जयशंकर ने विपक्षी नेताओं से अपील की कि वे ऐसे संवेदनशील मसलों पर मीडिया में बयान न दें:”अगर कोई जानकारी चाहिए तो सरकार से सीधे पूछें, मीडिया में सवाल न उठाएं, क्योंकि इससे पाकिस्तान को माहौल बिगाड़ने का मौका मिलता है।”
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