




नए वित्त वर्ष में निर्यात रिकॉर्ड ऊंचाई पर पहुंचने की संभावना।
नई दिल्ली: भारत का वस्तु एवं सेवा निर्यात फाइनेंशियल ईयर 2025-26 में ऐतिहासिक स्तर पर पहुंच सकता है। फेडरेशन ऑफ इंडियन एक्सपोर्ट ऑर्गनाइजेशन (FIEO) के मुताबिक, देश का कुल निर्यात इस साल 1,000 अरब डॉलर के आंकड़े को छू सकता है, जो बीते वित्त वर्ष 2024-25 में 824.9 अरब डॉलर था।
FIEO के अध्यक्ष एस. सी. रल्हन ने कहा कि वैश्विक अनिश्चितताओं और भारत के साथ किए गए मुक्त व्यापार समझौतों (FTAs) के चलते निर्यात को जबरदस्त बढ़ावा मिलेगा। साथ ही, अंतरराष्ट्रीय खरीदार अपने आपूर्तिकर्ता देशों में विविधता लाने की कोशिश कर रहे हैं, जिससे भारत को लाभ मिल रहा है।
वस्तु और सेवा निर्यात के आंकड़े (अनुमान)
निर्यात श्रेणी 2024-25 (डॉलर में) 2025-26 (अनुमानित)
वस्तु निर्यात $437 अरब $525–535 अरब
सेवा निर्यात $387 अरब $465–475 अरब
कुल निर्यात $824.9 अरब $1,000 अरब
किन क्षेत्रों से मिलेगी निर्यात को रफ्तार?
FIEO के अनुसार, इस वित्त वर्ष में इलेक्ट्रॉनिक्स, इंजीनियरिंग, रसायन, कपड़ा, औषधि, कृषि, पेट्रोलियम और रत्न एवं आभूषण जैसे प्रमुख क्षेत्रों में निर्यात में वृद्धि की संभावना है।
मुख्य निर्यातक क्षेत्र और अनुमानित योगदान:
१. इलेक्ट्रिकल व इलेक्ट्रॉनिक्स: $60 अरब
२. मशीनरी: $40 अरब
३. रसायन: $40 अरब
४. फार्मा (दवाइयाँ): $30 अरब
५. पेट्रोलियम उत्पाद: $70 अरब
६. परिधान और कपड़े: $23–25 अरब
७. रत्न एवं आभूषण: $30–35 अरब
८. कृषि उत्पाद: $55 अरब
लाल सागर मार्ग से फिर होने लगा निर्यात
बीते महीनों में लाल सागर (Red Sea) मार्ग पर यमन के हूती आतंकियों द्वारा किए गए हमलों के कारण जहाजरानी मार्ग प्रभावित हुआ था। इसकी वजह से सामान की डिलीवरी में 14 से 20 दिन की देरी और लागत में बढ़ोतरी हो रही थी। लेकिन अब हालात सुधर रहे हैं।
FIEO के महानिदेशक अजय सहाय ने कहा,”अब वस्तुओं का निर्यात धीरे-धीरे लाल सागर मार्ग से फिर शुरू हो गया है। इससे माल ढुलाई समय कम होगा और लागत भी घटेगी।”
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