




लोकतंत्र की मजबूती में अहम भूमिका निभाने वाले हिंदी पत्रकारों को समर्पित यह दिवस।

नई दिल्ली: आज 30 मई को देशभर में हिंदी पत्रकारिता दिवस मनाया जा रहा है। यह दिन उन तमाम हिंदी पत्रकारों को समर्पित है जिन्होंने सच्चाई, निडरता और जनहित को प्राथमिकता देते हुए समाज को जागरूक करने, जनमानस की आवाज उठाने और लोकतंत्र की मजबूती में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है।
कैसे हुई हिंदी पत्रकारिता दिवस की शुरुआत?
हिंदी पत्रकारिता दिवस हर वर्ष 30 मई को मनाया जाता है क्योंकि इसी दिन वर्ष 1826 में ‘उदन्त मार्तण्ड‘ नामक पहला हिंदी समाचार पत्र कोलकाता से प्रकाशित हुआ था। यह पत्र हिंदी पत्रकारिता के इतिहास में मील का पत्थर माना जाता है। पंडित जुगल किशोर शुक्ल इसके संपादक थे, जिन्होंने अंग्रेजी हुकूमत के दौर में हिंदी में समाचार पत्र निकालने का साहसिक कदम उठाया।
हिंदी पत्रकारिता का योगदान
१. आज हिंदी मीडिया देश के सबसे बड़े पाठक वर्ग को संबोधित करता है।
२. ग्रामीण भारत से लेकर राष्ट्रीय स्तर तक, हिंदी पत्रकार जनसमस्याओं को उठाने का कार्य करते हैं।
३. लोकतंत्र के चौथे स्तंभ के रूप में पत्रकारिता की भूमिका आज भी उतनी ही प्रासंगिक है जितनी स्वतंत्रता संग्राम के समय थी।
डिजिटल युग में हिंदी पत्रकारिता
आज के समय में जहां सोशल मीडिया और डिजिटल प्लेटफॉर्म्स का बोलबाला है, वहीं हिंदी पत्रकारिता ने भी खुद को डिजिटल युग के अनुरूप ढाला है। अब हिंदी समाचार वेबसाइट्स, यूट्यूब चैनल्स, और मोबाइल एप्स के जरिए तेज, सटीक और जिम्मेदार पत्रकारिता का उदाहरण पेश किया जा रहा है।
मुख्यमंत्री, नेताओं और संगठनों ने दी शुभकामनाएं
हिंदी पत्रकारिता दिवस के अवसर पर विभिन्न राज्यों के मुख्यमंत्री, मंत्रीगण, वरिष्ठ पत्रकारों और मीडिया संस्थानों ने समर्पित पत्रकारों को बधाई दी। मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा ने ट्वीट करते हुए कहा, “समाज को जागरूक करने और लोकतंत्र को मजबूत करने वाले समर्पित पत्रकार बंधुओं को हिंदी पत्रकारिता दिवस की हार्दिक शुभकामनाएं। आपकी निष्पक्षता और निडरता ही लोकतंत्र की असली ताकत है।”
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