




HSBC इंडिया के सर्वे में मई का मैन्युफैक्चरिंग PMI 57.6 पर दर्ज, उत्पादन और नए ऑर्डर्स में धीमापन, लेकिन GDP ग्रोथ अनुमान 7.4% पर बरकरार।
नई दिल्ली: भारत की विनिर्माण गतिविधियों में मई 2025 के दौरान धीमापन दर्ज किया गया है। HSBC इंडिया मैन्युफैक्चरिंग परचेजिंग मैनेजर्स इंडेक्स (PMI) के अनुसार, मई का पीएमआई 57.6 पर रहा, जो पिछले तीन महीनों का सबसे निचला स्तर है। अप्रैल में यह आंकड़ा 58.3 था।
हालांकि इसमें गिरावट आई है, फिर भी PMI 50 से ऊपर बना हुआ है, जिससे यह स्पष्ट है कि विनिर्माण क्षेत्र में विस्तार अब भी जारी है, बस उसकी रफ्तार कुछ धीमी हुई है।
क्या कहती है रिपोर्ट?
HSBC इंडिया की रिपोर्ट में बताया गया है कि मई में उत्पादन और नए ऑर्डर्स की वृद्धि दर पिछले महीने की तुलना में थोड़ी कमजोर रही। इस पर HSBC इंडिया की चीफ इकोनॉमिस्ट प्रांजुल भंडारी का कहना है:
“मई के महीने में मैन्युफैक्चरिंग सेक्टर में मजबूती बनी रही, लेकिन ऑर्डर इनफ्लो और प्रोडक्शन की गति थोड़ी धीमी हुई है।”
वैश्विक व्यापार का असर
विशेषज्ञ मानते हैं कि अमेरिकी नीतियों, जैसे आयात टैरिफ आदि के कारण वैश्विक स्तर पर व्यापार में अनिश्चितता बनी हुई है। इसका आंशिक असर भारत की मैन्युफैक्चरिंग पर भी पड़ा है।
GDP ग्रोथ बनी रहेगी मजबूत
हालांकि PMI में गिरावट आई है, लेकिन भारत की GDP ग्रोथ को लेकर उम्मीदें अभी भी मजबूत हैं। जनवरी से मार्च 2025 की तिमाही में देश की GDP 6.2% से बढ़कर 7.4% पहुंच गई है।
RBI ने वित्त वर्ष 2025 के लिए GDP ग्रोथ का अनुमान 6.5% रखा है, जिसमें क्वार्टर-वाइज ब्रेकअप इस प्रकार है:
Q1: 6.5%
Q2: 6.7%
Q3: 6.6%
Q4: 6.3%
RBI गवर्नर संजय मल्होत्रा के अनुसार, यह अनुमान डेटा और जोखिम संतुलन के आधार पर निर्धारित किया गया है।
PMI क्या है और इसका महत्व?
१. PMI यानी Purchasing Managers Index एक आर्थिक संकेतक है, जो मैन्युफैक्चरिंग और सर्विस सेक्टर में बिजनेस कंडीशन्स को दर्शाता है।
२. यदि PMI 50 से ऊपर है, तो यह ग्रोथ (विस्तार) का संकेत देता है।
३. जबकि 50 से नीचे गिरने पर यह संकुचन दर्शाता है।
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