




“चीन ने रेयर अर्थ मैग्नेट्स के निर्यात पर लगाया लाइसेंस और एंड यूज शर्त, भारतीय ईवी और ऑटो कंपनियों की बढ़ी चिंता”.
चीन की नई नीति से भारतीय इंडस्ट्री में हलचल
China Crackdown Rare Earth Magnet: भारत की बढ़ती इलेक्ट्रिक व्हीकल इंडस्ट्री को चीन का एक और झटका लगा है। रेयर अर्थ मैग्नेट्स के निर्यात पर चीन ने अप्रैल 2025 से कड़े नियम लागू कर दिए हैं। अब कोई भी चीनी कंपनी बिना सरकार की इजाजत और एंड यूज सर्टिफिकेट के यह मैग्नेट्स भारत को नहीं बेच सकेगी।
यह कदम ऐसे समय पर आया है जब एपल, फॉक्सकॉन और अन्य वैश्विक कंपनियों ने चीन से भारत में मैन्युफैक्चरिंग यूनिट शिफ्ट करने का ऐलान किया है। 2 अप्रैल को अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के टैरिफ ऐलान के बाद चीन की स्थिति और अधिक असहज हो गई है।
TVS और बजाज की चेतावनी
इस नीति से TVS मोटर्स, बजाज ऑटो, और अन्य ईवी कंपनियों को बड़ा झटका लगा है। जानकारी के अनुसार, चीन से भारत के लिए जो कंटेनर पहले ही भेजे जा चुके थे, वे अब चीन में अटके हुए हैं। उन्हें निर्यात मंजूरी नहीं दी जा रही है।
बाजार जानकारों के अनुसार, भारत के पास फिलहाल रेयर अर्थ का स्टॉक केवल जून तक के लिए ही उपलब्ध है। वित्तीय वर्ष 2024 में भारत ने 460 टन से अधिक रेयर अर्थ चीन से आयात किया था।
क्यों अहम है रेयर अर्थ?
रेयर अर्थ मैग्नेट्स का उपयोग मुख्यतः ईवी मोटर्स, विंड टर्बाइन्स, डिफेंस सिस्टम्स, और हाई-टेक इलेक्ट्रॉनिक्स में होता है। भारत में इनका उत्पादन सीमित है, और चीन का वैश्विक हिस्सेदारी करीब 90% है।
सरकार की तैयारी और बैठक
भारतीय भारी उद्योग मंत्रालय ने इस संकट पर 3 जून 2025 को अहम बैठक बुलाई है। माना जा रहा है कि इसमें घरेलू रेयर अर्थ मैग्नेट्स के उत्पादन को बढ़ावा देने के लिए कुछ महत्वपूर्ण फैसले लिए जा सकते हैं।
भारत सरकार लंबे समय से आत्मनिर्भर भारत अभियान के तहत इस निर्भरता को कम करने की दिशा में प्रयास कर रही है, लेकिन वैकल्पिक स्रोत विकसित करने में अभी समय लगेगा।
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