




पतंजलि किसान समृद्धि प्रोग्राम से टिकाऊ खेती को मिल रही नई दिशा, किसानों की आय और मिट्टी की सेहत में आ रहा सुधार।
नई दिल्ली, 5 जून 2025: पतंजलि आयुर्वेद का दावा है कि उसने भारत की कृषि प्रणाली में एक नई क्रांति की शुरुआत की है। कंपनी का कहना है कि वह जैविक खेती, मिट्टी की उर्वरता और किसानों की आर्थिक समृद्धि को केंद्र में रखते हुए टिकाऊ खेती को बढ़ावा दे रही है। बाबा रामदेव की अगुवाई में पतंजलि द्वारा चलाए जा रहे “पतंजलि किसान समृद्धि प्रोग्राम” को इस दिशा में एक परिवर्तनकारी पहल माना जा रहा है।
जैविक खेती पर खास फोकस
पतंजलि का कहना है कि उनका प्रमुख फोकस रासायनिक उर्वरकों और कीटनाशकों से मुक्त जैविक खेती को बढ़ावा देना है। इस प्रक्रिया में न केवल मिट्टी की उर्वरता को फिर से जीवित किया जाता है, बल्कि उत्पादन लागत भी घटाई जाती है, जिससे किसानों की आय में इजाफा होता है।
जैविक उत्पादों से बढ़ेगी फसलों की ताकत
कंपनी ने अपने जैविक उत्पादों जैसे जैविक खाद, सुभूमि, और धरती का चौकीदार के जरिए मिट्टी के भौतिक और रासायनिक गुणों को बेहतर बनाने का दावा किया है। इन उत्पादों में ह्यूमिक एसिड और माइकोराइजा जैसे प्राकृतिक तत्व शामिल हैं, जो फसलों की रोग प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाते हैं और पर्यावरण के लिए सुरक्षित हैं।
ग्रामीण अर्थव्यवस्था को भी फायदा
पतंजलि का दावा है कि उनकी यह पहल ग्रामीण अर्थव्यवस्था को सशक्त करने में भी योगदान दे रही है। किसानों को उचित मूल्य, डिजिटल प्रशिक्षण, और बाजार तक सीधी पहुंच देकर उन्हें आत्मनिर्भर बनाने की दिशा में काम किया जा रहा है। यह मॉडल स्थानीय स्तर पर रोजगार बढ़ाने और आर्थिक विकास में सहायक बन रहा है।
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