




क्या आप जानते हैं सुबह और शाम के समय में हमारी ऊंचाई में फर्क होता है? इसी वजह से एयर होस्टेस और आर्मी भर्ती में शाम के समय ही होती है ऊंचाई की जांच।
नई दिल्ली: क्या आप जानते हैं कि हमारी ऊंचाई (Height) सुबह और शाम के समय थोड़ी अलग-अलग होती है? यही वजह है कि एयर होस्टेस (Air Hostess) की भर्ती हो या सेना में भर्ती (Army Recruitment) — इन सभी में ऊंचाई की जांच आमतौर पर शाम के समय ही की जाती है। इसके पीछे कोई संयोग नहीं बल्कि वैज्ञानिक कारण छिपा हुआ है, जो जानकर आप हैरान रह जाएंगे।
सुबह और शाम में ऊंचाई में क्यों होता है फर्क?
दरअसल, पूरे दिन के दौरान हमारे शरीर पर गुरुत्वाकर्षण (Gravity) का प्रभाव पड़ता है। जब हम सोकर उठते हैं तो रातभर शरीर के आराम की स्थिति में रहने के कारण रीढ़ की हड्डी (Spinal Cord) में मौजूद इंटरवर्टिब्रल डिस्क (Intervertebral Discs) थोड़ी फैल जाती हैं। इससे हमारी ऊंचाई सुबह के समय थोड़ी ज्यादा मापी जाती है।
जैसे-जैसे दिन बीतता है और हम खड़े रहते हैं या काम करते हैं, शरीर पर गुरुत्वाकर्षण का प्रभाव बढ़ता है। इससे इंटरवर्टिब्रल डिस्क संकुचित हो जाती हैं और शाम के समय ऊंचाई में लगभग 1 से 1.5 सेंटीमीटर तक की कमी आ जाती है।
फिटनेस विशेषज्ञों का क्या कहना है?
फिटनेस और मेडिकल एक्सपर्ट्स का मानना है कि सुबह और शाम में ऊंचाई में अंतर आना एक सामान्य प्रक्रिया है। इसी वजह से ऊंचाई की सटीक माप (Accurate Measurement) के लिए दोपहर या शाम के समय को सबसे बेहतर माना जाता है।
एयर होस्टेस और सेना में क्यों जरूरी है शाम को ऊंचाई मापना?
१. एविएशन इंडस्ट्री (Aviation Industry) और डिफेंस सेक्टर (Defense Sector) में ऊंचाई के सख्त मानदंड होते हैं।
२. एयर होस्टेस के लिए आमतौर पर न्यूनतम ऊंचाई 155 सेंटीमीटर तय की जाती है।
३. वहीं सेना में पुरुष और महिला दोनों के लिए अलग-अलग ऊंचाई के मापदंड होते हैं।
यदि ऊंचाई सुबह मापी जाए तो वह कृत्रिम रूप से अधिक दिख सकती है, जिससे उम्मीदवार गलती से पात्र हो सकते हैं। जबकि वास्तव में उनकी स्थायी ऊंचाई मानकों के अनुसार न हो। इसी वजह से भर्ती के समय ऊंचाई मापने का नियम तय है कि इसे शाम के समय मापा जाए ताकि उचित चयन सुनिश्चित किया जा सके।
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