




संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद की एक महीने की अध्यक्षता संभालते ही पाकिस्तान ने भारत के खिलाफ खोला मोर्चा, कश्मीर मुद्दे पर UNSC से हस्तक्षेप की मांग की।
जैसे ही पाकिस्तान को संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद (UNSC) की जुलाई महीने की अध्यक्षता मिली, उसने अपनी पुरानी आदत दोहराते हुए एक बार फिर कश्मीर मुद्दा उठाकर भारत के खिलाफ जहर उगलना शुरू कर दिया है। पाकिस्तान के स्थायी प्रतिनिधि आसीम इफ्तिखार अहमद ने संयुक्त राष्ट्र मुख्यालय में प्रेस को संबोधित करते हुए कहा कि UNSC को कश्मीर मसले पर “जरूरी कदम” उठाने चाहिए।
कश्मीर पर फिर भड़का पाकिस्तान
भारत हमेशा से कश्मीर को द्विपक्षीय मुद्दा मानता रहा है और अंतरराष्ट्रीय हस्तक्षेप को खारिज करता आया है। इसके बावजूद पाकिस्तान ने कश्मीर को अंतरराष्ट्रीय सुरक्षा का मुद्दा बताते हुए कहा कि यह भारत और पाकिस्तान के बीच तनाव का मुख्य कारण है और इससे निपटने के लिए अब UNSC को सक्रिय होना चाहिए।
आसीम इफ्तिखार ने कहा, “यह सिर्फ भारत और पाकिस्तान की ज़िम्मेदारी नहीं है बल्कि सुरक्षा परिषद की भी जिम्मेदारी है। कश्मीर में लोगों को न्याय और आत्मनिर्णय का अधिकार मिलना चाहिए।”
ऑपरेशन सिंदूर के बाद पाकिस्तान की बौखलाहट
गौरतलब है कि 22 अप्रैल 2025 को जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकी हमले के जवाब में भारत ने ऑपरेशन सिंदूर के तहत पीओके में आतंकी ठिकानों को नष्ट किया था। इस सैन्य कार्रवाई में पाकिस्तान को भारी नुकसान हुआ था, जिसके बाद से वह बौखलाया हुआ है।
इस कार्रवाई के बाद पाकिस्तान की विदेश नीति में अधिक आक्रामकता देखने को मिल रही है और अब UNSC की अध्यक्षता का अवसर पाकर वह भारत-विरोधी एजेंडे को फिर हवा दे रहा है।
शिमला समझौता और अंतरराष्ट्रीयकरण की कोशिश
1972 के शिमला समझौते में दोनों देशों ने यह तय किया था कि सभी विवादों को द्विपक्षीय रूप से सुलझाया जाएगा। हालांकि, पाकिस्तान लगातार इस समझौते की अनदेखी करता आया है, और अब तो समझौते को रद्द मानते हुए भारत के खिलाफ अंतरराष्ट्रीय मंचों पर मुद्दे उठाने की खुली छूट मांग रहा है।
पाकिस्तान का दावा और भारत की प्रतिक्रिया
संयुक्त राष्ट्र में पाकिस्तान के राजदूत ने APP (एपीपी) को दिए इंटरव्यू में कहा, “पाकिस्तान की अध्यक्षता पारदर्शी और उत्तरदायी होगी। हम वैश्विक अस्थिरता और मानवीय संकटों से पूरी तरह अवगत हैं और UNSC के मंच से इसका समाधान ढूंढने की कोशिश करेंगे।”
भारत की ओर से अभी तक आधिकारिक प्रतिक्रिया नहीं आई है, लेकिन यह तय है कि भारत अपने रुख पर कायम रहेगा कि कश्मीर भारत का अभिन्न अंग है और कोई तीसरा पक्ष हस्तक्षेप नहीं कर सकता।
पाकिस्तान ने एक बार फिर दिखा दिया कि राजनयिक अवसरों का उपयोग भी वह भारत के खिलाफ दुर्भावना फैलाने के लिए करता है। UNSC की अध्यक्षता जैसी जिम्मेदारी को कश्मीर जैसे मुद्दे पर ध्यान भटकाने के लिए इस्तेमाल करना, उसकी अंतरराष्ट्रीय साख पर सवाल खड़े करता है।
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