




वियतनाम पर 20% टैरिफ के बाद भारत बन सकता है सैमसंग का नया मैन्युफैक्चरिंग हब, नोएडा फैक्ट्री से शुरू हो सकता है निर्यात।
Samsung: दक्षिण कोरियाई टेक कंपनी सैमसंग (Samsung) ने अमेरिका में बढ़ते ट्रेड टैरिफ के बीच भारत से अपने स्मार्टफोन के निर्यात पर विचार शुरू कर दिया है। अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप द्वारा वियतनाम पर लगाए गए 20 प्रतिशत टैरिफ के बाद सैमसंग की नजर अब भारत पर टिक गई है।
यदि भारत और अमेरिका के बीच व्यापार समझौते में टैरिफ कम तय होता है, तो सैमसंग अपनी नोएडा फैक्ट्री से सीधे अमेरिका स्मार्टफोन भेज सकता है।
हर परिस्थिति के लिए तैयार सैमसंग
सैमसंग के मोबाइल एक्सपीरियंस (MX) डिवीजन के सीओओ वोन-जून चोई ने पीटीआई से कहा कि,
“अमेरिका में व्यापारिक अनिश्चितता के चलते हम अलग-अलग देशों से सप्लाई के लिए तैयार रहना चाहते हैं। भारत सहित कई देशों से प्रोडक्शन करने के विकल्प खुले हैं।”
वर्तमान में सैमसंग के मैन्युफैक्चरिंग बेस चीन, वियतनाम और भारत में हैं। कंपनी का लक्ष्य है कि अमेरिकी बाजार में सप्लाई को किसी एक देश पर निर्भर न रहने दिया जाए।
वियतनाम पर ट्रंप का बड़ा झटका
ट्रंप ने वियतनाम से होने वाले इलेक्ट्रॉनिक्स उत्पादों पर 20 प्रतिशत टैरिफ लगा दिया है। वियतनाम सैमसंग का एक बड़ा प्रोडक्शन हब है, जहां से भारी मात्रा में स्मार्टफोन अमेरिका भेजे जाते हैं।
टैरिफ के कारण वियतनाम से अमेरिका शिपमेंट महंगा हो जाएगा, जिससे सैमसंग को लागत बढ़ने की चिंता है।
भारत से प्रोडक्शन शिफ्ट का विकल्प
ट्रंप प्रशासन के साथ भारत के व्यापार समझौते पर बातचीत चल रही है। अगर भारत पर वियतनाम से कम टैरिफ लगता है तो सैमसंग भारत से अमेरिका स्मार्टफोन निर्यात शुरू कर सकता है।
नोएडा में सैमसंग का बड़ा कारखाना
१. भारत में सैमसंग का सबसे बड़ा मैन्युफैक्चरिंग प्लांट नोएडा (उत्तर प्रदेश) में है।
२. 2024 तक इसकी सालाना उत्पादन क्षमता 70 लाख यूनिट थी।
३. बाजार में बढ़ती मांग के कारण भविष्य में उत्पादन और बढ़ाया जा सकता है।
४. यह फैक्ट्री सैमसंग के लिए अमेरिका में सप्लाई का वैकल्पिक केंद्र बन सकती है।
आगे क्या होगा?
अब सैमसंग की नजर भारत और अमेरिका के बीच होने वाले ट्रेड डील (Trade Deal) पर है। अगर भारत को अमेरिका में टैरिफ छूट मिलती है, तो भारत ‘मेक इन इंडिया‘ के तहत सैमसंग के वैश्विक सप्लाई चेन में अहम भूमिका निभा सकता है।
ट्रंप के टैरिफ फैसले ने वियतनाम जैसे देशों की कंपनियों के लिए चिंता बढ़ा दी है। वहीं, भारत के लिए यह बड़ा अवसर बनकर उभरा है। सैमसंग जैसी दिग्गज कंपनियों के लिए भारत वैश्विक मैन्युफैक्चरिंग हब बन सकता है, जिससे रोजगार और निवेश दोनों में वृद्धि होगी।
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