




Typhon Missile System: ऑस्ट्रेलिया में टैलिसमैन सेबर युद्धाभ्यास के दौरान हुआ अमेरिका का पहला विदेशी लाइव फायर टेस्ट, भारत समेत 19 देश अभ्यास में शामिल
नई दिल्ली | 18 जुलाई 2025: अमेरिका ने ऑस्ट्रेलिया में चल रहे टैलिसमैन सेबर सैन्य अभ्यास के दौरान अपने अत्याधुनिक और खतरनाक टाइफून मिसाइल सिस्टम का पहली बार विदेशी धरती पर लाइव फायरिंग टेस्ट किया है। यह कदम चीन के लिए रणनीतिक चेतावनी के रूप में देखा जा रहा है, जिससे हिंद-प्रशांत क्षेत्र में तनाव और बढ़ सकता है।
पहली बार अमेरिका के बाहर हुआ टाइफून का लाइव टेस्ट
ऑस्ट्रेलिया में आयोजित इस बड़े पैमाने के युद्धाभ्यास में भारत समेत 19 देश भाग ले रहे हैं। इस दौरान अमेरिका ने पहली बार टाइफून मिसाइल को विदेशी जमीन से टेस्ट किया।
यूरेशियन टाइम्स की रिपोर्ट के मुताबिक, अमेरिकी सेना ने इस टेस्ट को “सफल और रणनीतिक रूप से अहम” बताया है। यह हिंद-प्रशांत क्षेत्र में टाइफून की दूसरी तैनाती है। इससे पहले इसे फिलीपींस में तैनात किया गया था।
क्यों बढ़ेगा चीन का टेंशन?
चीन इस क्षेत्र में पहले से ही आक्रामक रुख अपना रहा है। हाल ही में उसने ऑस्ट्रेलिया और न्यूजीलैंड को बिना सूचित किए लाइव फायरिंग की थी, जिससे क्षेत्रीय सुरक्षा को लेकर सवाल खड़े हुए थे।
अब अमेरिका का यह कदम चीन के सैन्य वर्चस्व को चुनौती देने जैसा माना जा रहा है। चीन के लिए यह सीधी चेतावनी है कि अमेरिका अपनी समुद्री रणनीति को लेकर बेहद गंभीर है।
क्या है टाइफून मिसाइल सिस्टम की खासियत?
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टाइफून एक मल्टी-मिशन मिड-रेंज मिसाइल सिस्टम है।
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यह 16 मिसाइलों के एक समूह को एक साथ फायर करने की क्षमता रखता है।
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इसकी रेंज इतनी है कि यह दक्षिण चीन सागर में चीन के शहरों को भी टारगेट कर सकती है।
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अमेरिका इसे अब स्थायी रूप से इंडो-पैसिफिक में तैनात करने की तैयारी में है।