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    भारत के मैन्युफैक्चरिंग सेक्टर में शानदार ग्रोथ, अप्रैल में 10 महीने के उच्चतम स्तर पर PMI, IIP में भी तेजी।

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    नए ऑडर्स में बढ़ोतरी की वजह से प्रोडक्शन में हाल में सुधार देखा गया. घरेलू और अंतरराष्ट्रीय दोनों ही मांगों से मैन्युफैक्चरिंग सेक्टर के ग्रोथ में मदद मिली है.

    वैश्विक अनिश्चितता के बाच घरेलू मोर्चे पर भारत के लिए ये अच्छी खबर है. अप्रैल के महीने में भारत के मैन्युफैक्चरिंग सेक्टर में ग्रोथ रेट पिछले करीब 10 महीने में उच्चतम स्तर पर पहुंच गई है. पिछले साल यानी 2024 के जून के बाद उत्पादन में ये सबसे अधिक बढ़ोतरी है. एक मासिक सर्वे के दौरान इसकी जानकारी शुक्रवार को दी गई.

    अप्रैल में मौसमी रूप से समायोजित ‘एचएसबीसी इंडिया विनिर्माण क्रय प्रबंधक सूचकांक’ (पीएमआई) बढ़कर 58.2 पर आ गया, जो इससे एक महीना पहले मार्च में 58.1 था. अगर पीएमआई के तहत स्कोर 50 के ऊपर रहता है तो ये माना जाता है कि प्रोडक्शन का विस्तार हुआ है जबकि इसके नीचे रहने पर प्रोडक्शन में गिरावट माना जाता है.

    बढ़ गया प्रोडक्शन
    नए ऑडर्स में बढ़ोतरी की वजह से प्रोडक्शन में हाल में सुधार देखा गया. घरेलू और अंतरराष्ट्रीय दोनों ही मांगों से मैन्युफैक्चरिंग सेक्टर के ग्रोथ में मदद मिली है. सर्वे की अगर मानें तो अंतरराष्ट्रीय मांगों में इजाफा होने की वजह से कुल बिक्री बढ़ी है. इस सर्वे में पूछे गए सवालों के जवाब में प्रतिभागियों ने बताया कि विदेशों से मिले नए कारोबार में पिछले 14 साल में सबसे ज्यादा इजाफा 2025-26 की शुरुआत में देखी गई है.

    एचएसबीसी के चीफ इकॉनोमिस्ट प्रांजुल भंडारी का कहना है कि नए निर्यात ऑर्डर में अप्रैल के महीने में ग्रोथ देखा गया है जो भारत में प्रोडक्शन में बदलाव की ओर इशारा कर रहा है. इससे रोजगार और क्रय में इजाफा हुआ है. इसके साथ ही, विदेशों में भारतीय वस्तुओं की मजबूत मांग ने कंपनियों को कीमतों के मोर्चे पर मूल्य निर्धारण करने में मदद की है, जिससे 2013 के अक्टूबर के बाद बिक्री शुल्क में काफी बढ़ गया.

    10 महीने में रिकॉर्ड हाई
    यह कच्चे माल की लागत में मामूली वृद्धि के बावजूद था. अप्रैल के आंकड़ों में आने वाले वर्ष में उत्पादन की संभावनाओं के बारे में मजबूत आशावाद स्पष्ट था, जो मांग की मजबूती की उम्मीदों से प्रेरित था. विपणन प्रयासों, दक्षता में वृद्धि और नए ग्राहक पूछताछ ने भी सकारात्मक पूर्वानुमानों को बल दिया. एचएसबीसी इंडिया विनिर्माण पीएमआई को एसएंडपी ग्लोबल ने करीब 400 विनिर्माताओं के एक समूह में क्रय प्रबंधकों को भेजे गए सवालों के जवाबों के आधार पर तैयार किया है.

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