




उत्तान-विरार कॉरिडोर के प्रथम चरण ने गति पकड़ ली है। इससे मुंबई में यातायात की भीड़ कम हो जाएगी।
मुंबई: राज्य सरकार ने मुंबई महानगर क्षेत्र विकास प्राधिकरण (एमएमआरडीए) को उत्तान और विरार के बीच समुद्री पुल बनाने की मंजूरी दे दी है। उत्तर से विरार तक का गलियारा मुंबई में यातायात की भीड़ को कम करेगा और मुंबई से विरार तक पहुंचना आसान हो जाएगा। साथ ही सरकार विरार और पालघर के बीच फेज-2 का भी अध्ययन कर रही है। यह सी लिंक 8 लेन का होगा।
इस नए समुद्री संपर्क से उत्तर से दक्षिण तक यात्रा करना आसान हो जाएगा। इस राजमार्ग में कुल आठ लेन हैं और भविष्य में यह सीधे दिल्ली-मुंबई एक्सप्रेसवे से जुड़ जाएगा। यह गलियारा एक प्रवेश नियंत्रण राजमार्ग के रूप में कार्य करेगा और शहर के भीतर यात्रा को सुविधाजनक बनाएगा। साथ ही यह राजमार्ग वेस्टर्न एक्सप्रेस हाईवे, एस.वी.यू.एस.एल. को जोड़ेगा, जिससे सड़कों और संपर्क मार्गों जैसे प्रमुख मार्गों पर दबाव कम होकर यातायात की भीड़ कम होगी। इससे यात्रा का समय कम होगा, सड़क दुर्घटनाएं कम होंगी तथा ध्वनि और वायु प्रदूषण में भी उल्लेखनीय कमी आएगी।
वर्सोवा से उत्तान खंड को वर्तमान मार्ग से बाहर रखा गया है क्योंकि यह मुंबई नगर निगम की उत्तरी तटीय सड़क परियोजना के अंतर्गत आता है। उत्तान-विरार सी ब्रिज परियोजना के पहले चरण का निर्माण एमएमआरडीए द्वारा किया जा रहा है। इस परियोजना से उत्तर मुंबई महानगर क्षेत्र का विकास होगा। 28 मार्च 2025 को हुई बैठक में संशोधित चरण-1 प्रस्ताव को मंजूरी दी गई। इस परियोजना से मुंबई से विरार तक सिर्फ 45 मिनट में पहुंचना संभव हो सकेगा।
परियोजना का दो चरणों में विभाजन
इस परियोजना की संकल्पना प्रारंभ में महाराष्ट्र राज्य सड़क विकास निगम के तत्वावधान में वर्सोवा-विरार समुद्री पुल के रूप में की गई थी। अक्टूबर 2022 में हुई बैठक में यह परियोजना एमएमआरडीए को सौंप दी गई। फरवरी 2024 में परियोजना को दो चरणों में विभाजित किया गया।
यूवीएसएल का पहला चरण
यूवीएसएल चरण-1 (समुद्री पुल और संपर्क सड़कों सहित) की कुल लंबाई 55.12 किमी है और इसमें निम्नलिखित संपर्क सड़कें शामिल हैं:
•उत्तान से विरार सी ब्रिज: 24.35 किमी
•उत्तान जोडार्स्ट : 9.32 किमी
• वसई रोड : 2.5 किमी
•विरार रोड : 18.95 किमी