




22 अप्रैल को जम्मू कश्मीर के पहलगाम में हमला किया गया. इसमें 26 लोगों की मौत हो गई थी. मरने वालों में ज्यादातर पर्यटक थे. सुरक्षा एजेंसियों की जांच में इस हमले का सीधा तार सीमा पार से जुड़ा.
भारत की तरफ से पहलगाम आतंकी हमले के जवाब में किए गए ऑपरेशन सिंदूर को जहां एक तरफ भारतीय शेयर बाजार ने सलाम किया और रेड जोन में खुलकर बढ़त बनाई. दूसरी तरफ पाकिस्तान के स्टॉक मार्केट में भारी कोहराम है और निवेशक सहम हुए हैं. बुधवार को पाकिस्तान के आतंकी ठिकानों पर हमले के बाद खुले पाकिस्तान के बेंचमार्क शेयर इंडेक्स में 5.78 प्रतिशत की भारी गिरावट दिखी. केएसई-100 इंडेक्स शुरुआती कारोबार में 6,272 अंक यानी 5.5 प्रतिशत फिसलकर 107,296 पर कारोबार कर रहा है.
23 अप्रैल के बाद से इसमें अब तक 9,930 अंक की भारी गिरावट आ चुकी है. गौरतलब है कि 22 अप्रैल को जम्मू कश्मीर के पहलगाम में हमला किया गया था और इसमें 26 लोगों की मौत हो गई थी. मरने वालों में ज्यादातर पर्यटक थे. सुरक्षा एजेंसियों की जांच में इस हमले के सीधा तार सीमा पार से जुड़े.
पाक शेयर मार्केट में कोहराम
पहलगाम हमले के बाद भारत सरकार ने पाकिस्तान के व्यापार समेत सभी तरह के संबंधों को खत्म करने का एलान किया. भारत सरकार के इस एक्शन के बाद एक तरफ जहां उसकी इकोनॉमी पर बहुत ही बुरा असर पड़ रहा है, वहीं दूसरी तरह पाकिस्तान का शेयर बाजार लगातार क्रैश कर रहा है. गिरते पाकिस्तान के शेयर बाजार की वजह से अब तक पाकिस्तान में निवेशकों का अरबों रुपये स्वाहा हो चुका है.
गौरतलब है कि सार्क वीजा में छूट को रद्द करने के साथ ही पाकिस्तान राजनयिकों की संख्या कम करने और सिंधु जल समझौत रद्द करने करने के एक्शन से पाकिस्तान बेहदम हो गया. इतना ही नहीं, 22 अप्रैल के पहलगाम आतंकी घटना के बाद 24 अप्रैल को कराची स्टॉक एक्सचेंज का बेंचमार्क KSE-100 इंडेक्स कारोबार शुरू होते ही मिनटों के अंदर 2,485 अंक टूट गया.
अरबों रुपये हुआ स्वाहा
22 अप्रैल के बाद केएसई इंडेक्स में 5,494.78 अंक यानी 4.63 परसेंट की गिरावट देखने को मिल चुकी है. जहां कराची स्टॉक एक्सचेंज का मार्केट कैप 52.84 अरब डॉलर था, वहीं 29 अप्रैल को 100 अंकों की गिरावट के साथ यह 50.39 अरब डॉलर पर आ गया था.
कुछ ही दिनों के भीतर पाकिस्तानी के शेयर बाजार को 2.45 अरब डॉलर से ज्यादा का नुकसान हुआ है. पहले से ही तंगहाली का सामने कर रहे पाकिस्तान के सामने और गंभीर आर्थिक चुनौती पैदा हो गई है. 2023 के मई में जहां पाकिस्तान में महंगाई 38.5 प्रतिशत बढ़ गई तो वहीं विदेशी मुद्रा भंडार 3.7 बिलियन डॉलर से भी कम रह गया है.