




दिल्ली में आयोजित ग्लोबल स्पेस एक्सप्लोरेशन कॉन्फ्रेंस से NASA की अनुपस्थिति ऐसे समय में हुई है, जब मस्क की किफायती इंटरनेट सेवा स्टारलिंक भारत में लॉन्च के करीब पहुंच गई है.
डोनाल्ड ट्रंप के दूसरी बार अमेरिका का राष्ट्रपति बनने के बाद से बड़े पैमाने पर सरकारी संस्थाओं और एजेंसियों को दिए जाने वाले फंड में कमी की गई है. अमेरिका में कुछ यूनिवर्सिटी के बाद अब ट्रंप प्रशासन ने नेशनल एयरोनॉटिक्स एंड स्पेस एडमिनिस्ट्रेशन (NASA) को मिलने वाली आर्थिक मदद में भी कटौती की है.
दिल्ली में आयोजित ग्लोबल स्पेस एक्सप्लोरेशन कॉन्फ्रेंस (GLEX-2025) में इस बार नासा के एस्ट्रोनॉट और वैज्ञानिक भाग लेने नहीं पहुंचे. राजधानी में आयोजित इस कार्यक्रम में 37 देशों के प्रतिनिधि भाग ले रहे हैं, लेकिन नासा के प्रतिनिधि इसमें शामिल नहीं हुए.
NASA के बजट में 24.3 प्रतिशत की कटौती
ट्रंप प्रशासन ने अमेरिकी अंतरिक्ष एजेंसी NASA को मिलने वाले बजट में 24.3 प्रतिशत की कटौती की है. इस कटौती में NASA और एलन मस्क के स्पेसएक्स के बीच हितों के टकराव ने भी अहम भूमिका निभाई है. कुछ विशेषज्ञों ने दावा किया है कि NASA की फंडिंग में कटौती के बीच आशंका है कि कई अंतरिक्ष अनुबंध स्पेसएक्स को मिल जाएंगे.
एलन मस्क ट्रंप के सबसे करीबी सलाहकारों में से एक हैं और DOGE के लिए उनके लागत-कटौती प्रयासों की देखरेख करते हैं. NASA का नेतृत्व करने के लिए ट्रंप की पसंद टेक अरबपति जेरेड इसाकमैन स्पेस एक्स के साथ दो बार अंतरिक्ष में उड़ान भर चुके हैं, जिससे हितों के टकराव के बारे में और चिंताएं बढ़ गई हैं.
मस्क की स्टारलिंक भारत में लॉन्च के करीब
GLEX सम्मेलन से NASA की अनुपस्थिति ऐसे समय में हुई है, जब मस्क की किफायती इंटरनेट सेवा स्टारलिंक भारत में लॉन्च के करीब पहुंच गई है. कंपनी द्वारा सैटकॉम ऑपरेटरों के लिए नए राष्ट्रीय सुरक्षा दिशा निर्देशों का पालन करने पर सहमति जताने के बाद इसे दूरसंचार विभाग (DoT) से आशय पत्र (LoI) प्राप्त हुआ है. भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (ISRO) के अध्यक्ष वी नारायणन से जब अमेरिकी अंतरिक्ष एजेंसी के प्रतिनिधियों की अनुपस्थिति के बारे में पूछा गया तो व्यक्तिगत टिप्पणी करने से इनकार कर दिया.
‘भारत अंतरिक्ष के क्षेत्र में नए आत्मविश्वास के साथ आगे बढ़ रहा’
GLEX शिखर सम्मेलन में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बुधवार को कहा था कि भारत अंतरिक्ष अन्वेषण के क्षेत्र में नए आत्मविश्वास के साथ आगे बढ़ रहा है और इसके अंतरिक्ष यात्रियों के पदचिह्न चंद्रमा पर होंगे. उन्होंने कहा कि 2035 तक भारतीय अंतरिक्ष स्टेशन स्थापित करने के अलावा, मंगल और शुक्र भी अन्वेषण मिशनों के लिए देश की रडार पर हैं.