




मार्च के महीने में इससे पहले अमेरिकी केन्द्रीय बैंक फेडरल रिजर्व ने ब्याज दरों में किसी तरह का कोई बदलाव नहीं किया था. साथ ही, जनवरी में हुई बैठक के दौरान में उसे वैसा ही छोड़ दिया था.
टैरिफ की वजह से बनी वैश्विक अनिश्चितताओं के बीच अमेरिकी केन्द्रीय बैंक की तरफ से बेंचमार्क ब्याज दरों में कुछ बदलाव किया जाएगा. लेकिन प्रमुख ब्याज दलों में किसी तरह का कोई परिवर्तन नहीं किया गया और 4.25 प्रतिशत पर ही रखा गया है. फेडरल ओपन मार्केट कमेटी की मीटिंग के बाद फेडरल रिजर्व की तरफ से ये फैसला लिया गया. अमेरिकी केन्द्रीय बैंक का ये कदम एक्सपर्ट्स के अनुमानों के अनुरूप ही है.
अमेरिका में प्रमुख ब्याज दरों में कोई बदलाव नहीं
फेडरल कमेटी की तरफ से बयान में कहा गया है कि उच्च बेरोजगारी और उच्च मुद्रास्फीति के जोखिम बढ़ गए हैं. नेट एक्सपोर्ट में उतार-चढ़ाव आर्थिक गतिविधियों पर किसी तरह का असर नहीं डाला है. लिहाजा, ट्रेजरी सिक्योरिटीज और एजेंसी डेट व एजेंसी Mortgage backed Securities की अपनी होल्डिंग्स को कम करना जारी रखेगी.
मार्च के महीने में इससे पहले अमेरिकी केन्द्रीय बैंक फेडरल रिजर्व ने ब्याज दरों में किसी तरह का कोई बदलाव नहीं किया था. साथ ही, जनवरी में हुई बैठक के दौरान में उसे वैसा ही छोड़ दिया था. इससे पहले, अमेरिकी 2024 के सितंबर में 40 बेसिस प्वाइंट्स और नवंबर में 25 बेसिस प्वाइंट की ब्याज दरों में कटौती की गई थी.
महंगाई-बेरोजगारी का बढ़ा खतरा
जैसे ही फेरडरल बैंक की तरफ से ब्याज दरों में कटौती न करने का ऐलान हुआ, उसके बाद अमेरिकी बाजार में गिरावट का दौर रहा. एस एंड पी 500 में 0.5 प्रतिशत नीचे चला गया तो वहीं नैस्डेक कंपोजिट भी 1 प्रतिशत फिसल गया. हालांकि, डॉउ जोन्स एवरेज में बढ़त दिखी और ये .01 प्रतिशत यानी 27 अंक ऊपर चढ़ गया.
अगर भारत की बात करें तो यहां पर 2025 के अप्रैल में रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया की तरफ से लगातार दूसरी बार 25 बेसिस प्वाइंट की कटौती कर रेपो रेट 6.0 कर दिया है. इसके बाद से कई बैकों ने उधार ब्याज दरों में कटौती का ऐलान किया है.