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    क्या वाकई में भारत से जंग लड़ने की है पाकिस्तान की औकात? पड़ोसी मुल्क को है इस रियल्टी चेक की जरूरत।

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    भारत पर लगातार हमला बोलकर पाकिस्तान खुद अपने पैरों पर कुल्हाड़ी मार रहा है. जिस देश की इकोनॉमी कर्ज के भरोसे चल रही है उसे जंग के बजाय अपनी आर्थिक वृद्धि पर गौर फरमाने की जरूरत है.

    भारत और पाकिस्तान के बीच तनाव लगातार बढ़ता ही जा रहा है. भारत की सेना पाकिस्तान को पहलगाम आतंकी हमले का सबक अच्छे से सिखा रही है. भारत की जवाबी कार्रवाई से बौखलाए पाकिस्तान ने भारत की पश्चिमी सीमा पर कई जगहों पर ड्रोन और मिसाइलों से हमला करने का प्रयास किया है, लेकिन भारतीय सेना ने उन्हें भी मात दी है. अब सवाल यह आता है कि क्या पाकिस्तान भारत के साथ बड़े पैमाने पर जंग लड़ने का जोखिम उठा सकता है?

    अपने किए पर पानी फेर रहा पाकिस्तान
    पाकिस्तान गंभीर आर्थिक चुनौतियों का सामना कर रहा है. कर्ज में डूबा पाकिस्तान अगर भारत पर वार करने से बाज नहीं आता है, तो IMF के बेलआउट पैकेज और वर्ल्ड बैंक जैसी कई दूसरी संस्थाओं से मिलने वाली फंडिंग पर तलवार लटक सकती है.

    साल 2024 में आईएमएफ से मिले 7 बिलियन डॉलर के बेलआउट पैकेज से पाकिस्तान की इकोनॉमी में कुछ सुधार के संकेत दिए थे, लेकिन अब जंग के माहौल में पाकिस्तान अपने इसी किए किराए पर पानी फेर रहा है.

    जानकारों का मानना है कि भारत से पंगा लेना पाकिस्तान को और मुसीबत में धकेल सकता है. अगर हम जीडीपी के मोर्चे पर भी बात करें, तो भारत दुनिया की पांचवीं सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था है और यह लगातार तेजी से आगे बढ़ रही है. वहीं, इसके विपरीत पाकिस्तान दुनिया की शीर्ष 40 अर्थव्यवस्थाओं में भी नहीं आता है.

    कर्ज के भरोसे चल रही है पाकिस्तान की इकोनॉमी
    2023 में तो पाकिस्तान लगभग दिवालिया होने के कगार पर था. उस दौरान अगर उसे IMF, वर्ल्ड बैंक और दूसरे मित्र देशों से मदद नहीं मिलती, तो पाकिस्तान कब का ढह जाता. इस सहायता से पाकिस्तान की इकोनॉमी को कुछ हद तक पटरी पर लाया जा सका है, लेकिन ठीक से संभलने के लिए अभी इसे काफी प्रयास करने की जरूरत है.

    फाइनेंशियल टाइम्स की एक रिपोर्ट के मुताबिक, दिसंबर 2024 तक, पाकिस्तान 131 बिलियन डॉलर से अधिक कर्ज में डूब चुका है और तो और पाकिस्तान का विदेशी मुद्रा भंडार लगभग 10 बिलियन डॉलर तक पहुंच चुका है. इससे अब केवल तीन महीने के आयात का ही भुगतान हो सकता है.

    हर मोर्चे पर कमजोर है पाकिस्तान
    जीडीपी, जीडीपी ग्रोथ, विदेशी मुद्रा भंडार, स्टॉक मार्केट कैपिटलाइजेशन, महंगाई, विदेशी निवेश इन सभी प्रमुख संकेतकों में पाकिस्तान की स्थिति खराब बनी हुई है.

    इधर, भारत भारत दुनिया की चौथी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बनने की ओर अग्रसर है, इसका सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) पाकिस्तान से 10.5 गुना बड़ा है. विदेशी मुद्रा भंडार पाकिस्तान से 35.52 गुना ज्यादा है. इसे देखते हुए यह साफ तौर पर कहा सकता है कि भारत के साथ जंग लड़ना पाकिस्तान को भारी पड़ सकती है. इसके बजाय, अपनी इकोनॉमी पर फोकस करना पाकिस्तान के लिए मुनासिब होगा.

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