




पहलगाम आतंकी हमले के बाद भारत की जवाबी कार्रवाई से पाकिस्तान दहल गया है. लाहौर, कराची, इस्लामाबाद जैसे शहरों में खौफ का माहौल है.
22 अप्रैल, 2025 को जम्मू-कश्मीर के पहलगाम आतंकी हमले के जवाब में लॉन्च किए गए ऑपरेशन सिंदूर के तहत भारत ने पाकिस्तान के बड़े शहरों को निशाना बनाया. इस्लामाबाद, लाहौर, कराची, सियालकोट और बहावलपुर जैसे शहरों को निशाना बनाते हुए पाकिस्तान को आतंक का जवाब दिया गया. ये हमला तब किया गया जब पाकिस्तान ने भारत के कई शहरों पर हमला करने की कोशिश की और इसे नाकाम कर दिया गया.
उधर बलूचिस्तान में भी पाकिस्तान की सेना पर हमला किया गया. बीएलए ने दावा किया है कि उसने बलूचिस्तान के ज्यादातर हिस्सों पर कब्जा कर लिया है. इसके अलावा पाकिस्तान सुपर लीग को भी शिफ्ट कर दिया गया है, अब बाकी बचे हुए मैच दुबई में खेले जाएंगे. क्वेटा में पाकिस्तानी सेना के ठिकानों पर सिलसिलेवार हमले हुए. पाकिस्तानी सेना के फ्रंटियर कोर मुख्यालय को हथियारबंद लोगों ने निशाना बनाया. कई विस्फोटों के बाद गोलीबारी हुई.
विदेश मंत्री एस. जयशंकर ने अमेरिका, इटली और ईयू के समकक्षों से की बात
विदेश मंत्री एस. जयशंकर ने गुरुवार (8 मई, 2025) देर रात अमेरिका सहित कई देशों के समकक्षों के साथ बात की. इस दौरान उन्होंने पाकिस्तान के किसी भी उकसावे वाले प्रयास का दृढ़ता से मुकाबला करने के लिए भारत के दृढ़ संकल्प पर जोर दिया. अमेरिकी विदेश मंत्री मार्को रुबियो से बातचीत में विदेश मंत्री जयशंकर ने आतंकवाद के खिलाफ लड़ाई में भारत के साथ काम करने की वाशिंगटन की प्रतिबद्धता की सराहना की.
उन्होंने बातचीत के बाद सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर पोस्ट किया, सीमा पार आतंकवाद के प्रति भारत की लक्षित और संतुलित प्रतिक्रिया को रेखांकित किया. तनाव बढ़ाने के किसी भी प्रयास का दृढ़ता से मुकाबला किया जाएगा. इस बीच, रुबियो ने तत्काल तनाव कम करने की आवश्यकता पर जोर दिया और भारत-पाकिस्तान के बीच सीधी बातचीत के लिए अमेरिकी समर्थन व्यक्त किया.
विदेश मंत्री ने इटली के उप प्रधानमंत्री और विदेश मामलों एवं अंतर्राष्ट्रीय सहयोग मंत्री एंटोनियो तजानी से भी बात की. विदेश मंत्री ने दोहराया, आतंकवाद का दृढ़ता से मुकाबला करने के लिए भारत की लक्षित और नियंत्रित प्रतिक्रिया पर चर्चा की गई. किसी भी तनाव बढ़ाने वाली कार्रवाई की कड़ी प्रतिक्रिया होगी.
उन्होंने एस्टोनियाई राजनीतिज्ञ काजा काल्लास से भी बात की, जो वर्तमान में यूरोपीय आयोग के उपाध्यक्ष हैं. विदेश मंत्री एस. जयशंकर ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर लिखा, यूरोपीय संघ के उच्च प्रतिनिधि/उपाध्यक्ष काजा काल्लास के साथ चल रहे घटनाक्रम पर चर्चा की. भारत ने अपनी कार्रवाइयों में संयम बरता है. हालांकि, किसी भी उकसावे वाली कार्रवाई का कड़ा जवाब दिया जाएगा.
अमेरिका ने क्या कहा?
अमेरिका के उपराष्ट्रपति जे.डी. वेंस ने कहा है कि भारत और पाकिस्तान के बीच संघर्ष से हमारा कोई सरोकार नहीं है, हालांकि वह और राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप दोनों देशों को तनाव कम करने के लिए प्रोत्साहित कर रहे हैं. अंतर्राष्ट्रीय संघर्षों से अमेरिका के अलग होने के समर्थक रहे वेंस ने फॉक्स न्यूज के साथ एक साक्षात्कार में कहा, हम जो कर सकते हैं, वह यह है कि इन लोगों को थोड़ा तनाव कम करने के लिए प्रोत्साहित करने का प्रयास करें, लेकिन हम युद्ध के बीच में शामिल नहीं होने जा रहे हैं, जिससे मूल रूप से हमारा कोई सरोकार नहीं है और इसका अमेरिका की इसे नियंत्रित करने की क्षमता से कोई लेना-देना नहीं है. आप जानते हैं, अमेरिका भारतीयों से हथियार डालने के लिए नहीं कह सकता और इसलिए, हम कूटनीतिक चैनलों के माध्यम से इस मामले को आगे बढ़ाने जा रहे हैं.