




पूरे एशियाई बाजार में इसी तरह फार्मा कंपनियों के शेयर में गिरावट देखी गई. साउथ कोरिया और जापान की दवा निर्माताओं के शेयर भी फिसलते दिखे.
अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के उस ऐलान के बाद भारतीय दवा कंपनियों के शेयरों में बड़ी गिरावट दिखी, जिसमें उन्होंने कहा कि वे अमेरिकी दवाओं की कीमतों में करीब 30 से 80 फीसदी तक कम करने वाले एक आदेश पर हस्ताक्षर करने जा रहे हैं. इसके बाद देश की बड़ी दवा कंपनी सन फार्मा के शेयर शुरुआती कारोबार में सोमवार यानी 12 मई तक 7 फीसदी तक टूट कर 1,623.60 के स्तर पर आ गए.
इसके साथ ही, अन्य दवा कंपनियां जैसे एस्ट्राजेनिका, ल्यूपिन, ग्लेनमार्क और अरबिदों फार्मा जैसी दवा कंपनियों के शेयरों में भी 3 प्रतिशत की गिरावट देखने को मिली. ट्रंप ने अपने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म ट्रूथ सोशल पर लिखा- कई सालों से दुनिया इन बातों से हैरान है कि आखिर क्यों अमेरिका में बाकी देशों की दवाओं की इतना ज्यादा कीमत है. कुछ दवाएं तो पांच से दस गुणा ज्यादा महंगी है, जबकि उसी कंपनी की तरफ से उसी लैबोरेट्री या फिर प्लांट में तैयार की गई है.
ट्रंप के ऐलान से गिरे फार्मा के शेयर
राष्ट्रपति ट्रंप ने दवा कंपनियों के ऊपर रिसर्च और डेवलपमेंट खर्च को लेकर भेदभाव का आरोप लगाते हुए कहा कि अमेरिकी कंज्यूमर्स को ऊपर बेवजह वर्षों तक अनावश्यक बोझ डाला गया.
पूरे एशियाई बाजार में इसी तरह फार्मा कंपनियों के शेयर में गिरावट देखी गई. साउथ कोरिया और जापान की दवा निर्माताओं के शेयर भी फिसलते दिखे. टोक्यो ट्रेड के दौरान जपान की दवा निर्माता कंपनि चुगई फार्मास्युटिकल 7.2 प्रतिशत नीचे आ गया, जो इस महीने में सबसे तेज से गिरावट है.
जबकि, DaiiChi Sankyo और Takeda दवा कंपनियों के शेयर 5 प्रतिशत तक नीचे गिर गए. दक्षिण कोरिया के एसके बायोफार्मास्युटिकल्स, Celltrion और Samsung Biologics के शेयर में भी 3 फीसदी की गिरावट देखी गई. खास बात यहां पर ये है राष्टप्रति ट्रंप अपने पिछले कार्यकाल के दौरान भी साल 2020 में इसी तरह की पॉलिसी लाने की कोशिश की थी. लेकिन, उनके इस कदम पर अदालत ने रोक लगा दी थी.