




DoT ने लॉन्च किया Financial Fraud Risk Indicator सिस्टम, संदिग्ध मोबाइल नंबरों पर लगेगी तुरंत रोक।
नई दिल्ली | 24 मई 2025: डिजिटल पेमेंट जितना सुविधाजनक हुआ है, उतना ही ऑनलाइन फ्रॉड का खतरा भी बढ़ा है। अब इस खतरे पर लगाम लगाने के लिए भारत सरकार ने एक बड़ा कदम उठाया है। टेलीकॉम विभाग (DoT) ने Financial Fraud Risk Indicator (FRI) नाम से एक नई साइबर सुरक्षा प्रणाली शुरू की है।
इस प्रणाली का उद्देश्य है— संदिग्ध मोबाइल नंबरों की पहचान कर उन्हें समय रहते ब्लॉक करना, ताकि डिजिटल लेनदेन में धोखाधड़ी से बचा जा सके।
FRI सिस्टम क्या है और कैसे काम करेगा?
FRI यानी Financial Fraud Risk Indicator एक रियल टाइम डिजिटल अलर्ट सिस्टम है। जैसे ही कोई संदिग्ध मोबाइल नंबर किसी बैंकिंग या UPI ट्रांजेक्शन में शामिल होता है, यह सिस्टम उस नंबर को तुरंत फ्लैग कर देगा और संबंधित बैंक या ऐप को अलर्ट कर देगा।
इन ऐप्स को मिलेगा सीधा लाभ:
Paytm
Google Pay
PhonePe
BHIM
अन्य नॉन-बैंकिंग फिनटेक प्लेटफॉर्म्स
किस प्रकार के नंबर FRI के रडार पर आएंगे?
१. जिन मोबाइल नंबरों से पहले फ्रॉड की शिकायतें मिली हैं
२. जो KYC वेरिफिकेशन पूरा नहीं करते
३. बार-बार नियमों का उल्लंघन करने वाले नंबर
४. जिनमें संदिग्ध डिजिटल गतिविधियाँ दिखती हैं
५. इन नंबरों को ब्लॉक या सीमित किया जा सकता है।
क्यों जरूरी है यह सिस्टम?
भारत में डिजिटल पेमेंट का इस्तेमाल तेजी से बढ़ रहा है, लेकिन इसके साथ साइबर क्राइम के मामले भी रिकॉर्ड स्तर पर पहुंच चुके हैं। FRI सिस्टम:
१. आम यूजर्स को फ्रॉड से बचाएगा
२. डिजिटल ट्रांजेक्शन में लोगों का भरोसा बढ़ाएगा
३. साइबर सुरक्षा को मजबूती देगा
UPI यूजर्स के लिए क्या जरूरी है?
१. अपने मोबाइल नंबर और UPI ऐप को हमेशा वेरिफाई रखें.
२. किसी अनजान कॉल, मैसेज या लिंक पर क्लिक न करें.
३. कोई भी संदेहास्पद गतिविधि होने पर तुरंत बैंक को सूचना दें.
४. सरकार की यह पहल भारत को सुरक्षित डिजिटल इकोसिस्टम की ओर ले जा रही है।
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