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    ITR फाइल करने से पहले ये जरूरी चीजें जरूर चेक करें, नहीं तो अटक सकता है आपका टैक्स रिफंड।

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    Form 26AS और AIS में एक भी गलती रिफंड में दे सकती है देरी, जानिए किन बातों का रखना है ध्यान।

    नई दिल्ली | 24 मई 2025: यदि आप चाहते हैं कि आपका इनकम टैक्स रिटर्न (ITR) समय पर प्रोसेस हो और टैक्स रिफंड जल्दी आपके खाते में आ जाए, तो फाइल करने से पहले कुछ जरूरी चीजें जांच लेना बेहद जरूरी है। वरना छोटी-सी गलती भी आपके रिफंड को रोक सकती है।

    देश में 31 जुलाई 2025 ITR फाइल करने की अंतिम तारीख है। समय पर रिटर्न फाइल नहीं करने पर आपको पेनाल्टी और ब्याज का सामना करना पड़ सकता है। इसलिए ITR भरते समय Form 26AS और Annual Information Statement (AIS) जरूर चेक करें।

    Form 26AS क्या है?
    Form 26AS एक वार्षिक टैक्स स्टेटमेंट है जिसमें आपके द्वारा चुकाए गए TDS (Tax Deducted at Source), एडवांस टैक्स, सेल्फ असेसमेंट टैक्स, और IT डिपार्टमेंट द्वारा दिया गया रिफंड जैसी जानकारियाँ शामिल होती हैं।

    इसमें निम्न जानकारी होती है:
    १. आपके नाम से काटे गए TDS की राशि
    २. TDS काटने वाली संस्था का नाम
    ३. बड़े लेनदेन जैसे 50,000 रुपये से अधिक का लाइफ इंश्योरेंस प्रीमियम
    ४. 20,000 रुपये से अधिक का हेल्थ इंश्योरेंस प्रीमियम
    ५. 1 लाख रुपये से ज्यादा की एजुकेशनल फीस या डोनेशन
    ६. 20,000 रुपये से अधिक का प्रॉपर्टी टैक्स

    ध्यान दें: रिटर्न फाइल करते समय जो TDS आप लिखते हैं, वह Form 26AS से मेल खाना चाहिए। अन्यथा आयकर विभाग पूछताछ कर सकता है और रिफंड में देरी हो सकती है।

    AIS (Annual Information Statement) क्यों जरूरी है?
    AIS यानी वार्षिक सूचना विवरण नवंबर 2021 में लॉन्च किया गया था, ताकि टैक्सपेयर्स को उनके द्वारा किए गए ट्रांजैक्शंस की डिटेल्स मिल सकें जो आयकर विभाग के पास पहले से होती हैं।

    यह दो हिस्सों में होता है:
    Part A:
    १. पैन नंबर, आधार, मोबाइल, ईमेल, एड्रेस
    २. व्यक्ति या कंपनी की बुनियादी जानकारी

    Part B:
    बैंक ब्याज, डिविडेंड, शेयर लेनदेन, क्रेडिट कार्ड खर्च, म्युचुअल फंड, टीडीएस, टीसीएस की जानकारी
    इसे आप www.incometax.gov.in से डाउनलोड कर सकते हैं।

    ITR सही फाइलिंग से क्या फायदे हैं?
    १. टैक्स रिफंड जल्दी मिलता है
    २. कोई पेनाल्टी नहीं लगती
    ३. लोन या वीजा के लिए डॉक्यूमेंटेशन आसान होता है
    ४. भविष्य में टैक्स संबंधी विवाद नहीं होते

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