




राजकोषीय घाटा कम करने में मिलेगी बड़ी मदद, RBI से 2.69 लाख करोड़ रुपये का सहयोग।
नई दिल्ली, 24 मई 2025: भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) ने वित्त वर्ष 2024-25 के लिए केंद्र सरकार को 2.69 लाख करोड़ रुपये का डिविडेंड ट्रांसफर करने की घोषणा कर दी है। यह रकम पिछले साल मिले 2.1 लाख करोड़ रुपये से कहीं ज्यादा है और इससे सरकार को राजकोषीय घाटा (Fiscal Deficit) कम करने और आर्थिक विकास कार्यों को रफ्तार देने में मदद मिलेगी।
RBI ने क्यों दिया यह डिविडेंड?
RBI हर साल सरकार को आर्थिक पूंजी ढांचे (Economic Capital Framework) के तहत सरप्लस राशि ट्रांसफर करता है। यह प्रणाली 2019 में विमल जालान समिति की सिफारिशों के आधार पर लागू की गई थी।
इस ढांचे के तहत रिजर्व बैंक अपनी बैलेंस शीट का एक हिस्सा रिस्क बफर के रूप में रखता है, और शेष राशि सरकार को ट्रांसफर करता है। इस साल RBI ने रिस्क बफर को 6.5% से बढ़ाकर 7.5% कर दिया है, जो दर्शाता है कि बैंक वैश्विक आर्थिक अस्थिरता को लेकर सतर्क है।
सरकार को कितना फायदा?
१. इस भारी-भरकम डिविडेंड से केंद्र सरकार को अपने फिस्कल डेफिसिट को 4.4% तक कम करने में मदद मिलेगी।
२. बैंकिंग सिस्टम में लिक्विडिटी बढ़ेगी, जिससे बाजार में नकदी का प्रवाह बढ़ेगा।
३. यह फंड विकास योजनाओं, इंफ्रास्ट्रक्चर प्रोजेक्ट्स और सरकारी खर्चों में मददगार साबित होगा।
क्या था अनुमान?
RBI की 616वीं सेंट्रल बोर्ड बैठक में यह निर्णय लिया गया। पहले यह अनुमान लगाया जा रहा था कि RBI सरकार को करीब 3 लाख करोड़ रुपये तक का डिविडेंड दे सकता है। हालांकि, वास्तविक राशि 2,68,590.07 करोड़ रुपये रही, जो अब तक के उच्चतम ट्रांसफर में से एक है।
RBI डिविडेंड का महत्व
RBI का डिविडेंड सरकार की आय का एक बड़ा स्रोत होता है। यूनियन बजट 2025 में सरकार ने 2.56 लाख करोड़ रुपये के लाभांश की उम्मीद जताई थी, जिसे यह डिविडेंड पार कर गया है।
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