




MJO इफेक्ट की वजह से महाराष्ट्र में मानसून ने 12 दिन पहले दी दस्तक, जानें क्या कहते हैं मौसम वैज्ञानिक।
मुंबई: मुंबई और पुणे समेत महाराष्ट्र के कई हिस्सों में मानसून ने समय से पहले दस्तक देकर सभी को चौंका दिया है। आमतौर पर 5 जून के आसपास आने वाला मानसून इस बार 25 मई को ही पहुंच गया। अब सवाल उठता है — आखिर ऐसा क्यों हुआ? मौसम वैज्ञानिकों ने इसका जवाब एमजेओ इफेक्ट (MJO Effect) में खोजा है।
क्या है MJO इफेक्ट?
एमजेओ यानी मैडन-जुलियन ओसीलेशन (Madden-Julian Oscillation) एक मौसमीय प्रणाली है जो समुद्र और हवा के बीच बनने वाली बादलों की एक पट्टी होती है। यह पट्टी जब पूर्व से पश्चिम दिशा में चलती है और मौसमी हवाओं से टकराती है, तो यह मानसून को समय से पहले सक्रिय कर देती है।
पुणे वेधशाला के वरिष्ठ मौसम वैज्ञानिक डॉ. एस. डी. सानप ने बताया: “एमजेओ की स्थिति यदि भारतीय समुद्र में बनती है और वह सक्रिय हो, तो मानसून जल्दी आता है। इस बार MJO अपेक्षाकृत कमज़ोर था, लेकिन इसकी दिशा और स्थान ऐसे थे कि इसने मानसून को 12 दिन पहले महाराष्ट्र में ला दिया।”
मानसून का इतिहास और 2024 की विशेषता
१. 2024: मानसून 25 मई को पहुंचा — सामान्य तारीख से 12 दिन पहले
२. 1990: पिछले 35 वर्षों में सबसे जल्दी मानसून 20 मई को आया था
३. सामान्य प्रवेश तिथि: हर साल महाराष्ट्र में मानसून औसतन 5 जून को प्रवेश करता है
किसानों के लिए मौसम वैज्ञानिकों की चेतावनी
जाने-माने कृषि मौसम विशेषज्ञ डॉ. रामचंद्र साबले ने किसानों से आग्रह किया है कि वे जल्दी में बुवाई शुरू न करें।
“29 से 31 मई के बीच एक बार फिर भारी बारिश की संभावना है, लेकिन यह मानसून की असली शुरुआत नहीं है। किसान जून के पहले सप्ताह के अंत में ही बुवाई करें, जब मानसून का पहला ‘स्पेल‘ पूरी तरह से सक्रिय हो जाएगा।”
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