




उत्तर कोरिया, चीन और रूस ने ट्रंप के ‘गोल्डन डोम’ मिसाइल डिफेंस प्लान को बताया अंतरिक्ष शांति के लिए खतरा, अमेरिका पर सैन्यीकरण का आरोप।
वॉशिंगटन/बीजिंग/प्योंगयांग: अमेरिकी पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप द्वारा घोषित “गोल्डन डोम” मिसाइल डिफेंस सिस्टम ने वैश्विक राजनीति में हलचल मचा दी है। 25 अरब डॉलर की इस परियोजना को लेकर उत्तर कोरिया, चीन और रूस ने तीखी प्रतिक्रिया दी है। इन देशों का आरोप है कि अमेरिका इस योजना के जरिए अंतरिक्ष को ‘न्यूक्लियर वॉर ज़ोन‘ में बदलने की तैयारी कर रहा है।
डोनाल्ड ट्रंप ने अपने बयान में कहा कि “गोल्डन डोम” किसी भी मिसाइल को — चाहे वह जमीन से दागी गई हो, समुद्र से या अंतरिक्ष से — तुरंत नष्ट करने में सक्षम होगा। इसका उद्देश्य अमेरिका की सुरक्षा को “अभेद्य” बनाना है। हालांकि, इस महत्वाकांक्षी रक्षा प्रणाली का बजट 175 अरब डॉलर तक जा सकता है।
उत्तर कोरिया का तीखा हमला
उत्तर कोरिया की सरकारी एजेंसी KCNA ने अपने विदेश मंत्रालय के हवाले से कहा कि अमेरिका के इस कदम से वैश्विक सुरक्षा खतरे में पड़ सकती है। ज्ञापन में अमेरिका पर अंतरिक्ष का सैन्यीकरण करने और परमाणु युद्ध को उकसाने का आरोप लगाया गया है। उत्तर कोरिया ने इसे वैश्विक असंतुलन और हथियारों की दौड़ को बढ़ावा देने वाला बताया।
चीन और रूस भी चिंतित
चीन ने भी इस योजना की आलोचना करते हुए कहा कि यह अंतरराष्ट्रीय शांति के लिए एक बड़ा खतरा है। रूस ने पहले विरोध किया लेकिन बाद में इसे अमेरिका का ‘आंतरिक मसला’ बताते हुए नरम रुख अपनाया। हालांकि, राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन के प्रवक्ता दिमित्री पेसकोव ने कहा कि अगर अमेरिका को खतरा है तो उसे सुरक्षा उपाय करने का अधिकार है।
क्या है गोल्डन डोम?
“गोल्डन डोम” सिस्टम को इजरायल के ‘आयरन डोम’ से प्रेरित बताया जा रहा है, जो 2011 से शॉर्ट-रेंज मिसाइल डिफेंस सिस्टम के रूप में काम कर रहा है। ट्रंप ने कहा कि अमेरिकी स्पेस फोर्स के जनरल माइकल गुएटलिन इस प्रोजेक्ट का नेतृत्व करेंगे। कनाडा ने भी इस परियोजना में भाग लेने की इच्छा जताई है।
ऐसी ही देश और दुनिया की बड़ी खबरों के लिए फॉलो करें: www.samacharwani.com