




IAS पुष्पलता यादव की कहानी हर उस महिला के लिए प्रेरणा है, जो सोचती है कि शादी और बच्चों के बाद सपने पूरे नहीं हो सकते।
नई दिल्ली: “अगर जिद हो कुछ कर दिखाने की, तो हालात भी रास्ता बना देते हैं।” यह कहावत सही साबित की है IAS पुष्पलता यादव ने। शादी, मातृत्व और पारिवारिक जिम्मेदारियों को संभालते हुए भी उन्होंने UPSC सिविल सेवा परीक्षा पास की और देश की सबसे प्रतिष्ठित सेवाओं में शामिल हो गईं।
शादी, बच्चा और पढ़ाई – तीनों को साथ संभाला
पुष्पलता यादव का जन्म हरियाणा के एक छोटे से गांव में हुआ। पढ़ाई में शुरू से ही तेज़ रही पुष्पलता ने ग्रेजुएशन और पोस्ट-ग्रेजुएशन के बाद एक प्राइवेट जॉब शुरू की। लेकिन 2011 में उनकी शादी हो गई और दो साल बाद वे एक बेटे की मां बनीं। पारिवारिक जिम्मेदारियों में उलझने के बाद भी उनका सपना जिंदा रहा।
जब बेटा 2 साल का हुआ, तब पुष्पलता ने ठान लिया कि वे UPSC की तैयारी करेंगी। लेकिन यह राह आसान नहीं थी — घर, बच्चा, और पढ़ाई एक साथ संभालना बहुत मुश्किल था।
तीसरे प्रयास में रचा इतिहास
पति और ससुराल के मजबूत समर्थन से उन्होंने UPSC की तैयारी शुरू की। पहले दो प्रयास असफल रहे, लेकिन हिम्मत नहीं हारी। लगातार मेहनत और आत्मविश्वास से उन्होंने 2017 में तीसरे प्रयास में 80वीं रैंक हासिल की और IAS अधिकारी बन गईं।
प्रेरणा हर महिला के लिए
आज पुष्पलता यादव उन महिलाओं के लिए रोल मॉडल बन गई हैं जो सोचती हैं कि शादी के बाद करियर का सपना अधूरा रह जाता है। अगर परिवार का साथ हो और खुद पर विश्वास हो, तो हर सपना साकार किया जा सकता है।
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