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    चौकीदारी से IIM तक, पढ़ें दीपेश केवलानी की जुनून और जज्बे से भरी कहानी।

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    मजबूत इरादों से बदली किस्मत, CAT में 92.5 पर्सेंटाइल लाकर IIM शिलॉन्ग में मिला MBA में एडमिशन।

    अहमदाबाद: अगर इरादे मजबूत हों तो कोई भी मंजिल मुश्किल नहीं होती। ऐसी ही प्रेरणादायक कहानी है दीपेश केवलानी की, जिन्होंने चौकीदार की नौकरी करते हुए CAT परीक्षा में शानदार प्रदर्शन कर IIM शिलॉन्ग में MBA में दाखिला लिया है। उनका यह सफर हर उस युवा के लिए मिसाल है जो संघर्षों से हार मान जाता है।

    पिता के निधन के बाद शुरू हुआ संघर्ष
    दीपेश के जीवन में संघर्ष बहुत कम उम्र से शुरू हो गया था। जब वह सिर्फ 11 साल के थे, तभी उनके पिता का निधन हो गया। इसके बाद उनका परिवार जयपुर से अहमदाबाद आ गया। एक छोटे से कमरे में मां और छोटे भाई के साथ रहकर दीपेश ने पढ़ाई और परिवार की जिम्मेदारी संभालनी शुरू की।

    पढ़ाई और काम साथ-साथ
    १. 7वीं कक्षा में ही दीपेश ने जूते की दुकान पर काम शुरू कर दिया, जहां उन्हें सिर्फ 1500 रुपये प्रति माह मिलते थे
    २. स्कूल के बाद सीधे काम पर जाते थे। ट्यूशन का खर्च उठाना संभव नहीं था
    ३. इसके बावजूद उन्होंने 10वीं में 85% और 12वीं में 89% अंक हासिल किए और स्कूल टॉपर भी बने

    चौकीदारी की नौकरी के साथ पढ़ाई जारी
    १. 12वीं के बाद दीपेश को अहमदाबाद कैंट में चौकीदार की सरकारी नौकरी मिल गई
    २. 18,000 रुपये की सैलरी से घर का खर्च चलाते हुए उन्होंने B.Com और M.Com की पढ़ाई डिस्टिंक्शन से पूरी की
    ३. MBA का सपना मन में दबा था, लेकिन छोटे भाई दिनेश, जो IIM लखनऊ में पढ़ाई कर रहा है, ने उन्हें फिर से प्रेरित किया

    CAT की तैयारी और सफलता
    १. दीपेश ने मई 2024 में CAT की तैयारी शुरू की।
    २. दिन में चौकीदारी और शाम को कोचिंग – रोजाना करीब 4 घंटे पढ़ाई और 50-60 किलोमीटर का सफर तय करते थे।
    ३. दिसंबर 2024 में CAT का रिजल्ट आया और उन्होंने 92.5 पर्सेंटाइल हासिल की।
    ४. इंटरव्यू में भी शानदार प्रदर्शन कर IIM शिलॉन्ग में MBA में दाखिला पा लिया।

    अब क्या है सपना?
    दीपेश का सपना है कि IIM से पढ़ाई पूरी कर एक इनवेस्टमेंट बैंकर बनें। उनका कहना है, “अभावों को मैंने अपनी ताकत बनाया। आज जो मुकाम हासिल किया है, वह मेरी मेहनत और परिवार के विश्वास का नतीजा है।”

    प्रेरणादायक सबक
    दीपेश केवलानी की कहानी इस बात का सबूत है कि मेहनत, लगन और आत्मविश्वास के दम पर कोई भी सपना साकार किया जा सकता है। उनका सफर हर उस छात्र के लिए प्रेरणा है, जो जीवन की कठिनाइयों से जूझ रहा है।

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