




ईरान पर इजरायल के हमले से क्यों घबराए किम जोंग उन? उत्तर कोरिया में हथियार निर्माण पर बड़ा फैसला।
प्योंगयांग: ईरान और इजरायल के बीच बढ़ते तनाव ने न सिर्फ पश्चिम एशिया बल्कि दुनिया के अन्य हिस्सों में भी सैन्य तैयारियों की रफ्तार तेज कर दी है। उत्तर कोरिया के तानाशाह किम जोंग उन ने हाल ही में अपने देश की हथियार फैक्ट्रियों का औचक निरीक्षण कर युद्ध सामग्री उत्पादन को लेकर बड़े निर्देश जारी किए हैं।
इजरायल की स्ट्राइक के बाद उत्तर कोरिया में हलचल
9 जून को इजरायल द्वारा ईरान के न्यूक्लियर साइट्स पर किए गए हमले के बाद उत्तर कोरिया में भी सैन्य गतिविधियां तेज़ हो गई हैं। उत्तर कोरियाई मीडिया केसीएनए (KCNA) के अनुसार, किम जोंग उन ने 13 जून को मेटल प्रेसिंग और असेंबली यूनिट्स का दौरा किया और 2025 की पहली छमाही में गोला-बारूद उत्पादन की प्रगति का निरीक्षण किया।
किम जोंग उन का बड़ा निर्देश – तेज़ करें हथियार उत्पादन
तानाशाह ने अधिकारियों को मौजूदा वैश्विक हालात को देखते हुए बम और गोले बनाने की रफ्तार बढ़ाने के निर्देश दिए हैं। उन्होंने उत्पादन को अधिक ऑटोमेटेड (Unmanned) बनाने पर ज़ोर दिया और कहा कि हथियार फैक्ट्रियों में इंसानों की बजाय मशीनों से ज्यादा काम लिया जाए।
हथियार निर्माण में ऑटोमेशन को मिलेगा बढ़ावा
किम ने कहा, “हमें हथियारों की गुणवत्ता और उत्पादन प्रक्रिया को इतना सशक्त बनाना होगा कि किसी भी युद्ध स्थिति में त्वरित जवाब दिया जा सके।” उन्होंने हथियार निर्माण इकाइयों को आधुनिक तकनीक से लैस करने, प्रोडक्शन प्रोसेस को तर्कसंगत बनाने और तेज गति से उत्पादन करने के लिए कहा।
रूस से नजदीकियों के बीच तैयारियों में इजाफा
उत्तर कोरिया इन दिनों रूस के साथ सैन्य और राजनीतिक रिश्तों को मजबूत कर रहा है। संयुक्त राष्ट्र की मई 2025 में जारी एक रिपोर्ट के अनुसार, उत्तर कोरिया रूस को अब तक 20,000 से ज्यादा कंटेनरों में हथियार सप्लाई कर चुका है। इस बढ़ती साझेदारी को देखते हुए किम जोंग उन उत्तर कोरिया की सेना को और शक्तिशाली बनाने की दिशा में लगातार काम कर रहे हैं।
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