




कच्छ से पुणे तक का सफर, पारिवारिक संघर्षों से सीखा जीवन, और फिर बना 3500+ करियर गाइडेंस देने वाले कोच—जानें कैसे adversity बनी empowerment का ज़रिया।

पुणे: “जब जिंदगी चुनौती देती है, तब कुछ लोग हार मान लेते हैं, और कुछ उसे अवसर बना लेते हैं।” यही कहानी है एक ऐसे युवा की जो गुजरात के कच्छ में जन्मा, जिसने पिता को जन्म से पहले ही खो दिया, लेकिन आज वह 3500 से अधिक युवाओं के करियर को दिशा देने वाला कोच बन चुका है।
इस संघर्षमयी जीवन की शुरुआत उस समय हुई जब इनके जन्म से छह महीने पहले ही पिता का निधन हो गया। मां ने शिक्षक बनकर दो बेटों की परवरिश की। शिक्षा के लिए दोनों भाई अलग-अलग होस्टलों में रहे, जिससे आत्मनिर्भरता और अनुशासन की नींव पड़ी।
2001 का भूकंप और पुणे में नई शुरुआत
2001 के विनाशकारी भूकंप के बाद परिवार को कच्छ से पुणे शिफ्ट होना पड़ा। यहां से शिक्षा की नई राह शुरू हुई। BBA की पढ़ाई पूरी करने के बाद 2011 में इन्होंने “Damani Classes” की शुरुआत की, जो कॉमर्स स्टूडेंट्स के लिए ट्यूशन देने का मंच था।
कोचिंग से करियर काउंसलिंग तक
हालांकि ट्यूशन क्लासेस अच्छी चल रही थीं, लेकिन दिल में एक गहरी चाह थी—लोगों को बड़े स्तर पर मार्गदर्शन देना। इसी उद्देश्य से उन्होंने ICF ACC कोचिंग सर्टिफिकेशन हासिल किया और फिर शुरू हुआ एक नया अध्याय—Nester Career Consulting OPC Pvt Ltd.
यह सिर्फ एक काउंसल्टिंग फर्म नहीं, बल्कि एक ऐसा मंच था जहाँ छात्रों को केवल करियर की सलाह नहीं, बल्कि वैज्ञानिक रूप से प्रमाणित करियर मार्गदर्शन दिया जाने लगा। यहाँ पारंपरिक साइकोमेट्रिक टेस्ट से आगे बढ़कर, करियर ट्रेंड्स और व्यक्तित्व के मूलभूत विश्लेषण के आधार पर गाइडेंस दी जाती है।
3500+ छात्रों को नया भविष्य
आज तक 3500 से अधिक छात्रों और प्रोफेशनल्स को इस करियर काउंसलिंग से लाभ मिला है। सिर्फ करियर की राह बताना ही नहीं, बल्कि उन्हें बदलते समय के अनुसार खुद को ढालना भी सिखाया गया।
इनका लक्ष्य है कि देशभर के शैक्षणिक संस्थानों के साथ मिलकर यह पद्धति और अधिक विद्यार्थियों तक पहुंचे, ताकि युवा अपने व्यक्तित्व और बाजार की मांग को संतुलित करके सही करियर चुन सकें।
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