• Create News
  • Nominate Now

    ईरान-इजरायल जंग के बीच अमेरिका ने भेजे 24 टैंकर विमान, क्या बड़े युद्ध की तैयारी में है वॉशिंगटन?

    इस खबर को सुनने के लिये प्ले बटन को दबाएं।

    फ्लाइट ट्रैकिंग डाटा से खुलासा, अमेरिका ने KC-135 और KC-46 टैंकर विमान यूरोप की ओर रवाना किए; क्या ईरान के खिलाफ लंबा अभियान संभव?

    वॉशिंगटन/तेल अवीव: मध्य पूर्व में ईरान और इजरायल के बीच बढ़ते युद्ध के हालात के बीच अमेरिका ने एक बड़ा कदम उठाते हुए 24 टैंकर एयरक्राफ्ट (KC-135 और KC-46) को पूर्व दिशा में तैनात कर दिया है। फ्लाइट ट्रैकिंग डेटा के मुताबिक, रविवार देर रात तक ये विमान अटलांटिक पार कर यूरोप की ओर भेजे जा चुके हैं और इनकी संख्या लगातार बढ़ती जा रही है।

    अमेरिका की अब तक की सबसे बड़ी टैंकर तैनाती
    यह तैनाती अब तक की सबसे बड़ी मानी जा रही है जिसमें अमेरिका ने इतने भारी संख्या में एयर-टू-एयर रिफ्यूलिंग टैंकर विमान एक साथ भेजे हैं। इन विमानों की मदद से अमेरिका अपने या सहयोगी देशों के लड़ाकू विमानों को हवा में ही ईंधन दे सकता है ताकि वे लंबी दूरी तक हमले करने में सक्षम बनें।

    पेंटागन ने नहीं किया मकसद स्पष्ट
    हालांकि पेंटागन ने इस तैनाती को लेकर कोई आधिकारिक जानकारी नहीं दी है, लेकिन जानकार मानते हैं कि यह तैनाती अमेरिका के नाटो सहयोगियों को सपोर्ट करने और मध्य पूर्व में किसी बड़े ऑपरेशन की तैयारी का हिस्सा हो सकती है।

    लंबे सैन्य अभियान का संकेत?
    24 टैंकर विमानों की तैनाती यह भी संकेत दे रही है कि अमेरिका लंबे समय तक चलने वाले सैन्य अभियान की तैयारी में है, खासकर यदि ईरान और इजरायल के बीच टकराव और गहराता है। यह कदम एहतियाती भी हो सकता है या फिर कोई बड़ा गोपनीय ऑपरेशन इसकी आड़ में चलाया जा सकता है।

    टैंकर विमान क्यों होते हैं महत्वपूर्ण?
    इन विमानों का उपयोग खासकर फाइटर जेट्स को मिशन के दौरान हवा में ही ईंधन भरने के लिए किया जाता है। इजरायली फाइटर जेट्स अगर ईरान के अंदर तक मिशन पर जा रहे हैं, तो उन्हें हवा में कई बार रिफ्यूलिंग की जरूरत होती है। ऐसी स्थिति में KC-135 और KC-46 जैसे विमानों की भूमिका निर्णायक होती है।

    क्या ईरान पर बड़े हमले की तैयारी?
    इजरायली वायुसेना पहले ही ईरान के कई सैन्य ठिकानों पर लंबी दूरी से सटीक हमले कर चुकी है। अब अमेरिका की यह सक्रियता क्षेत्रीय टकराव को और गहराने का संकेत दे सकती है। आने वाले दिनों में यह देखना महत्वपूर्ण होगा कि क्या यह तैनाती एक नए युद्ध मोर्चे की शुरुआत है या रणनीतिक दबाव का हिस्सा।

    ऐसी ही देश और दुनिया की बड़ी खबरों के लिए फॉलो करें: www.samacharwani.com

    न्यूज़ शेयर करने के लिए क्लिक करें .
  • Advertisement Space

    Related Posts

    भारत-अमेरिका ट्रेड डील पर जल्द मुहर! अंतिम चरण में वार्ता, 2030 तक 500 अरब डॉलर व्यापार का लक्ष्य तय

    इस खबर को सुनने के लिये प्ले बटन को दबाएं। भारत और अमेरिका के बीच चल रही बहुप्रतीक्षित द्विपक्षीय व्यापार डील (Bilateral Trade Deal) अब अपने अंतिम चरण में पहुंच…

    Continue reading
    जिला कलेक्टर डॉ. खुशाल यादव का जल संसाधन विभाग कार्यालयों पर औचक निरीक्षण, स्वच्छता व पारदर्शिता पर दिए कड़े निर्देश

    इस खबर को सुनने के लिये प्ले बटन को दबाएं।   हनुमानगढ़। जिला कलेक्टर डॉ. खुशाल यादव ने शुक्रवार सुबह जल संसाधन विभाग के कार्यालयों का औचक निरीक्षण कर प्रशासनिक…

    Continue reading

    Leave a Reply

    Your email address will not be published. Required fields are marked *