




भारत में डिजिटल सुरक्षा को मिलेगी नई ताकत।
टेक्नोलॉजी: गूगल ने भारत में साइबर सुरक्षा और ऑनलाइन फ्रॉड से निपटने के लिए ‘सेफ्टी चार्टर‘ की घोषणा की है। मंगलवार को आयोजित ‘Safer with Google India Summit 2025’ में इस टूल को पेश किया गया, जो देश की डिजिटल संरचना को सुरक्षित बनाने की दिशा में बड़ा कदम है।
गूगल इंडिया की कंट्री मैनेजर प्रीति लोबाना ने बताया कि भारत की तेजी से बढ़ती डिजिटल इकोनॉमी को सुरक्षित बनाने के लिए यह पहल जरूरी थी। वहीं गूगल सिक्योरिटी की वाइस प्रेसिडेंट हेदर एडकिंस ने कहा कि “अब AI ऐसे स्कैम्स की पहचान कर रहा है जो पहले कभी देखे नहीं गए।”
‘सेफ्टी चार्टर‘ के तीन प्रमुख उद्देश्य
१. यूज़र्स को ऑनलाइन धोखाधड़ी और स्कैम से बचाना
२. सरकार और कॉर्पोरेट के लिए साइबर सुरक्षा को सुदृढ़ बनाना
३. ऐसी एआई टेक्नोलॉजी को बढ़ावा देना जो सुरक्षा को प्राथमिकता दे
‘डिजीकवच’ के ज़रिए AI टूल्स का प्रभाव
गूगल के ‘डिजीकवच’ प्रोग्राम के माध्यम से अब तक 17.7 करोड़ भारतीयों तक AI टूल्स और साइबर जागरूकता पहुंचाई गई है। इसके जरिये:
१. गूगल सर्च अब 20 गुना तेज़ी से स्कैम वेबसाइट्स की पहचान कर रहा है
२. सरकारी और कस्टमर सर्विस प्लेटफॉर्म्स पर स्कैम अटैक 80% और 70% तक घटे हैं
मैसेजिंग, पेमेंट और ऐप सिक्योरिटी पर गूगल का नियंत्रण
१. Google Messages: हर महीने 500 मिलियन से अधिक स्कैम मैसेज ब्लॉक
२. Google Pay: 4.1 करोड़ से अधिक चेतावनियां भेजीं, जिससे ₹13,000 करोड़ की धोखाधड़ी रोकी गई
३. Google Play Protect: अक्टूबर 2024 से भारत में सक्रिय, अब तक 6 करोड़ खतरनाक ऐप्स को इंस्टॉल होने से रोका
४. Gmail: 99.9% से अधिक स्पैम, फिशिंग और मैलवेयर को करता है ब्लॉक
साइबर हमलों के खिलाफ एआई की अग्रिम रणनीति
गूगल की Project Zero टीम और DeepMind ने साथ मिलकर SQLite जैसे लोकप्रिय सॉफ्टवेयर में साइबर खामियों की पहचान पहले ही कर ली, जिससे संभावित अटैक टाल दिए गए।
निवेश और भविष्य की साझेदारियां
१. Google.org ने $20 मिलियन का योगदान एशिया-पैसिफिक साइबर सिक्योरिटी फंड को दिया
२. इसमें से $5 मिलियन The Asia Foundation को दिए जाएंगे, जिससे भारत समेत एशिया में 10 साइबर क्लिनिक खोले जाएंगे
३. IIT मद्रास के साथ पोस्ट-क्वांटम क्रिप्टोग्राफी पर भी साझेदारी की गई है
भारत के डिजिटल भविष्य को सुरक्षित बनाने की दिशा में बड़ा कदम
गूगल का लक्ष्य साफ है – भारत के नागरिकों और संस्थानों को एक सुरक्षित, पारदर्शी और AI-सक्षम डिजिटल भविष्य देना। इसके तहत ऑनलाइन धोखाधड़ी की रोकथाम, स्कैम मैसेज की पहचान, और खतरनाक ऐप्स पर नियंत्रण जैसी कार्यवाही प्राथमिक होगी।
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