




“दिल्ली सरकार का बड़ा कदम, वायु प्रदूषण रोकने के लिए 10 साल पुराने डीजल और 15 साल पुराने पेट्रोल वाहनों पर लगाया फ्यूल बैन”
नई दिल्ली: देश की राजधानी दिल्ली में वायु प्रदूषण से निपटने के लिए सरकार ने एक बड़ा फैसला लिया है। 1 जुलाई 2025 से, 10 साल से अधिक पुराने डीजल और 15 साल से अधिक पुराने पेट्रोल वाहनों को पेट्रोल-डीजल नहीं मिलेगा। यह कदम कमीशन फॉर एयर क्वालिटी मैनेजमेंट (CAQM) के निर्देशों पर उठाया गया है।
फ्यूल बैन की पूरी योजना
दिल्ली में अनुमानित तौर पर 62 लाख ऐसे वाहन हैं जो इस नए नियम की श्रेणी में आते हैं। इन वाहनों को राजधानी के किसी भी पेट्रोल पंप पर ईंधन नहीं दिया जाएगा। यह फैसला उन पुराने सरकारी आदेशों को मजबूती देता है जिनमें NGT और सुप्रीम कोर्ट ने ऐसे वाहनों के संचालन पर रोक लगाई थी।
कैसे होगी निगरानी? ANPR कैमरों से होगी पहचान
सरकार इस फैसले को लागू करने के लिए ANPR (Automatic Number Plate Recognition) तकनीक का सहारा ले रही है। सभी पेट्रोल पंपों पर हाई-टेक कैमरे लगाए जा रहे हैं जो गाड़ी की नंबर प्लेट स्कैन करके उसकी रजिस्ट्रेशन डिटेल्स से उसकी उम्र की पहचान करेंगे।
अगर किसी गाड़ी की उम्र तय सीमा से अधिक पाई जाती है, तो उसे फ्यूल नहीं दिया जाएगा और नियम तोड़ने पर मोटर वाहन अधिनियम 1989 के तहत गाड़ी जब्त भी की जा सकती है।
गाड़ी मालिकों के लिए क्या हैं विकल्प?
अगर आपकी गाड़ी इस नए नियम के दायरे में आती है, तो आपके पास दो मुख्य विकल्प हैं:
१. गाड़ी को स्क्रैप कराना — दिल्ली सरकार स्क्रैपिंग के बदले इंसेंटिव देने पर विचार कर रही है।
२. गाड़ी को NCR क्षेत्र से बाहर ट्रांसफर करना — इसके लिए NOC (अनापत्ति प्रमाण पत्र) लेना अनिवार्य होगा।
क्या वायु गुणवत्ता में आएगा सुधार?
सरकार को उम्मीद है कि इस कदम से दिल्ली की सड़कों से धुआं छोड़ने वाले पुराने वाहन हटेंगे, जिससे:
१. वायु गुणवत्ता में सुधार होगा
२. अस्थमा व सांस संबंधी रोगों में कमी आएगी
३. नागरिकों के स्वास्थ्य पर सकारात्मक प्रभाव पड़ेगा
इसलिए अगर आपके पास पुरानी गाड़ी है तो BS6 मानक या इलेक्ट्रिक वाहन में अपग्रेड की योजना बनाना अब जरूरी हो गया है।
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