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    ‘गोबर, कचरे और बांस से चलेंगी गाड़ियां’, नितिन गडकरी ने दिया देश को वैकल्पिक ऊर्जा का नया फॉर्मूला।

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    भारत को तेल आयातक से ऊर्जा निर्यातक देश बनाने की दिशा में बड़ा कदम, अब ग्रीन हाइड्रोजन और बायोगैस से चलेगी देश की गाड़ियां।

    Biogas Vehicle Scheme: भारत के केंद्रीय सड़क परिवहन मंत्री नितिन गडकरी ने हाल ही में एक कार्यक्रम में बड़ा ऐलान किया है। उन्होंने कहा कि आने वाले वर्षों में भारत की सड़कें उन गाड़ियों से भर जाएंगी, जो गोबर, बांस, कचरे और बायोडीग्रेडेबल वेस्ट से बने ग्रीन फ्यूल से चलेंगी। यह योजना भारत को न केवल आत्मनिर्भर बनाएगी बल्कि पर्यावरण संरक्षण में भी मील का पत्थर साबित होगी।

    भारत की फ्यूल क्रांति: चार वैकल्पिक ईंधन होंगे गेमचेंजर
    गडकरी ने कहा कि भारत अब चार प्रमुख वैकल्पिक ईंधनों पर केंद्रित होकर काम कर रहा है:
    १. ग्रीन हाइड्रोजन
    २. इथेनॉल और फ्लेक्स-फ्यूल
    ३. कम्प्रेस्ड बायोगैस (CBG)
    ४. इसोब्यूटेनॉल डीजल मिक्स

    इन सभी ईंधनों का उद्देश्य पारंपरिक पेट्रोल-डीजल पर निर्भरता को खत्म करना और भारत को हरित ऊर्जा (Green Energy) में अग्रणी बनाना है।

    27 हाइड्रोजन ट्रकों का परीक्षण शुरू
    सरकार ने 500 करोड़ रुपये की लागत से 27 हाइड्रोजन ट्रकों के ट्रायल शुरू किए हैं। ये ट्रक दिल्ली-आगरा, मुंबई-पुणे, जामनगर-वडोदरा जैसे हाईवे रूट्स पर दौड़ेंगे। इन ट्रकों में ICE और Fuel Cell टेक्नोलॉजी का इस्तेमाल किया जा रहा है।

    बायोगैस और इथेनॉल से आत्मनिर्भर भारत
    देशभर में बायोगैस प्लांट लगाए जा रहे हैं, जिनसे न केवल किसानों को आय का नया स्रोत मिलेगा, बल्कि गांवों को साफ ईंधन भी उपलब्ध होगा। इथेनॉल मिलाकर पेट्रोल बेचना अब अनिवार्य हो गया है, जिससे तेल आयात में कमी आएगी।

    भारत बनेगा नंबर-1 ऑटोमोबाइल बाजार
    गडकरी का विज़न है कि भारत आने वाले 5 वर्षों में दुनिया का नंबर-1 ऑटोमोबाइल मार्केट बने। इलेक्ट्रिक, हाइब्रिड, हाइड्रोजन और बायोफ्यूल आधारित गाड़ियों का विस्तार इस लक्ष्य को साकार करेगा।

    अर्थव्यवस्था और पर्यावरण दोनों को लाभ
    यह रणनीति भारत की अर्थव्यवस्था को मजबूत करने के साथ-साथ प्रदूषण को भी कम करेगी। आयातित कच्चे तेल पर खर्च होने वाले 22 लाख करोड़ रुपये की बचत होगी, जिससे देश की ऊर्जा सुरक्षा सुनिश्चित होगी।

    गडकरी का संदेश
    भारत को अब तेल आयातक नहीं, बल्कि ऊर्जा निर्यातक देश बनाना है। गोबर, कचरा, बांस जैसे संसाधनों से भी हम ईंधन बना सकते हैं। यह केवल टेक्नोलॉजी और नीयत की बात है।” – नितिन गडकरी

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