




अहमदाबाद-लंदन फ्लाइट हादसे में 241 की मौत, रिपोर्ट में फ्लैप न खुलने और हाइड्रोलिक फेलियर को बताया गया कारण।
एयर इंडिया की फ्लाइट AI 181 क्रैश: अब तक की सबसे बड़ी विमान दुर्घटनाओं में से एक
12 जून 2025 को एयर इंडिया की अहमदाबाद से लंदन जा रही फ्लाइट AI 181 टेकऑफ के 30 सेकंड के भीतर क्रैश हो गई थी। इस दर्दनाक हादसे में 242 में से 241 यात्रियों की मौत हो गई। अब 20 दिनों बाद इस दुर्घटना के पीछे की वजह सामने आई है।
ब्लूमबर्ग की रिपोर्ट के अनुसार, एयर इंडिया के पायलटों ने फ्लाइट सिम्युलेटर में दुर्घटना की स्थिति को दोहराया। इस सिम्युलेशन से पता चला कि टेकऑफ के दौरान विमान के फ्लैप्स नहीं खुले, जिससे प्लेन का संतुलन बिगड़ा और वह गिर गया।
टेक्निकल फेलियर बना जानलेवा कारण
रिपोर्ट में बताया गया है कि टेकऑफ के समय लैंडिंग गियर तो सक्रिय हुआ था, लेकिन गियर डोर नहीं खुले, जिससे संभावना है कि विमान में पावर फेलियर या हाइड्रोलिक सिस्टम फेलियर हुआ हो। विशेषज्ञों का मानना है कि एक साथ दोनों इंजन बंद होना एक गंभीर संकेत है।
पूर्व नौसेना पायलट और विमानन विशेषज्ञ कैप्टन स्टीव शिबनर ने बताया कि टेकऑफ के बाद ही विमान का राम एयर टर्बाइन सक्रिय हो गया था, जिससे यह संकेत मिलता है कि इंजन फेलियर की स्थिति पैदा हो गई थी।
मलबे की तस्वीरों से मिला सुराग
ब्लूमबर्ग की रिपोर्ट में विमान के मलबे की जो तस्वीरें सामने आई हैं, उसमें फ्लैप्स खुले हुए नहीं दिखाई दिए। जबकि टेकऑफ के लिए फ्लैप्स का खुला होना जरूरी होता है। इसी तकनीकी गड़बड़ी ने प्लेन के बैलेंस को बिगाड़ दिया और यह हादसा हो गया।
जांच अब भी जारी
AAIB (Aircraft Accident Investigation Bureau) इस हादसे की जांच कर रहा है। प्लेन का ब्लैक बॉक्स पहले ही रिकवर कर लिया गया है और उसका डेटा दिल्ली की लैब में जांचा जा रहा है। माना जा रहा है कि अगले कुछ दिनों में हादसे के अंतिम क्षणों की रिकॉर्डिंग से पूरा सच सामने आ सकता है।
यह हादसा एक बार फिर यह याद दिलाता है कि एविएशन इंडस्ट्री में सुरक्षा प्रणाली का सतत मूल्यांकन और टेक्निकल सिस्टम की सटीकता कितनी जरूरी है। अगर शुरुआती गड़बड़ी समय रहते पकड़ ली जाती, तो 241 लोगों की जान बचाई जा सकती थी।
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