




अमेरिका के सामाजिक कल्याण में कटौती और अंतरराष्ट्रीय मनी ट्रांसफर टैक्स पर बड़ा फैसला, प्रवासी भारतीयों को मिली आंशिक राहत।
वॉशिंगटन/नई दिल्ली: अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की सबसे बड़ी आर्थिक योजना वाला “वन बिग, ब्यूटीफुल बिल” अब अमेरिकी संसद के निचले सदन हाउस ऑफ रिप्रेजेंटेटिव्स में अंतिम वोटिंग की ओर बढ़ रहा है। इस बहुचर्चित बिल को पास कराने के लिए ट्रंप को काफी संघर्ष करना पड़ा है। ट्रंप इस बिल को अपने संभावित दूसरे कार्यकाल की आर्थिक रीढ़ मानते हैं।
यह बिल अमेरिका के सामाजिक कल्याण कार्यक्रमों में कटौती और तीन ट्रिलियन डॉलर के अतिरिक्त राष्ट्रीय कर्ज जैसे कई विवादास्पद प्रस्तावों के कारण सुर्खियों में है। रिपब्लिकन पार्टी के कई सांसदों ने भी डेमोक्रेट्स के साथ मिलकर इसका विरोध किया है।
NRI और भारतीय पेशेवरों को राहत
बिल के नए मसौदे में अमेरिका में रह रहे करीब 45 लाख भारतीयों (NRI) के लिए राहत की खबर है। शुरूआती ड्राफ्ट में जहां अंतरराष्ट्रीय मनी ट्रांसफर पर 5% टैक्स लगाने का प्रस्ताव था, वहीं संशोधित ड्राफ्ट में इसे घटाकर सिर्फ 1% कर दिया गया है।
इससे उन भारतीयों को काफी राहत मिलेगी जो अमेरिका से भारत में अपने परिवारों को पैसा ट्रांसफर करते हैं। ट्रंप प्रशासन के मुताबिक यह कदम प्रवासियों पर टैक्स का बोझ कम करने के उद्देश्य से उठाया गया है।
किन लेन-देन पर नहीं लगेगा टैक्स?
बिल में साफ किया गया है कि टैक्स केवल कैश, मनी ऑर्डर और कैशियर चेक के जरिए किए गए अंतरराष्ट्रीय ट्रांसफर पर ही लागू होगा।
जबकि निम्नलिखित लेन-देन पर कोई टैक्स नहीं लगेगा:
१. अमेरिकी बैंक खातों से भारत भेजे गए पैसे
२. डेबिट/क्रेडिट कार्ड के माध्यम से किए गए ट्रांसफर
३. डिजिटल पेमेंट गेटवे के माध्यम से भेजे गए पैसे
इसका सीधा फायदा उन प्रवासी भारतीयों को मिलेगा जो डिजिटल माध्यम से भारत पैसे भेजते हैं। परंतु जो लोग परंपरागत तरीकों जैसे कैश या मनी ऑर्डर से पैसे भेजते हैं, उन्हें अब 1% टैक्स देना होगा।
ग्रीन कार्ड, H-1B और विदेशी छात्रों को भी राहत
संशोधित बिल के मुताबिक यह टैक्स केवल उन लोगों पर लागू होगा जो अमेरिका में स्थायी निवासी (Resident Alien) हैं लेकिन अमेरिकी नागरिक नहीं हैं। इसमें ग्रीन कार्ड होल्डर, H-1B और H-2A वीजा पर काम कर रहे भारतीय प्रोफेशनल्स, और अमेरिका में पढ़ाई कर रहे विदेशी छात्र भी शामिल हैं।
यह स्पष्ट किया गया है कि अमेरिकी नागरिकों पर यह टैक्स लागू नहीं होगा।
बिल में क्यों हुआ बदलाव और क्यों है विवाद?
मई में यह बिल पहले ही हाउस ऑफ रिप्रेजेंटेटिव्स से पास हो चुका था। लेकिन सीनेट में सिर्फ एक वोट से पास होने के बाद इसमें कुछ महत्वपूर्ण संशोधन किए गए और फिर से निचले सदन में भेजा गया।
सबसे बड़ा विवाद मनी ट्रांसफर टैक्स और सामाजिक कल्याण कार्यक्रमों में कटौती को लेकर है। विपक्ष का कहना है कि इस बिल से अमेरिका का राष्ट्रीय कर्ज और बढ़ेगा और गरीब वर्ग के कल्याण कार्यक्रम प्रभावित होंगे।
लेकिन ट्रंप इसे अमेरिका की आर्थिक मजबूती की दिशा में बड़ा और साहसिक कदम बता रहे हैं। वे इसे अपने आर्थिक सुधार एजेंडा का मुख्य स्तंभ मानते हैं।
अमेरिका के साथ भारत पर क्या होगा असर?
१. विशेषज्ञों का मानना है कि अगर यह बिल पास हो जाता है तो
२. भारतीय प्रवासियों पर आर्थिक बोझ थोड़ा बढ़ सकता है।
३. लेकिन डिजिटल ट्रांसफर पर टैक्स न लगने से बड़ी राहत मिलेगी।
४. भारत को अमेरिका से होने वाले रेमिटेंस फ्लो पर मामूली असर पड़ सकता है।
“वन बिग, ब्यूटीफुल बिल” ट्रंप प्रशासन की आर्थिक रणनीति का अहम हिस्सा है। हालांकि इस बिल का अंतिम असर अमेरिकी राजनीति में उसकी स्वीकृति और भारत जैसे देशों में प्रवासियों की आर्थिक रणनीति पर निर्भर करेगा।
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