




अंतरिक्ष मिशन ‘ग्रेस‘ को सफलतापूर्वक पूरा कर लौटे ग्रुप कैप्टन शुभांशु शुक्ला, नासा में अगले 7 दिन तक रहेंगे आइसोलेशन में।
नई दिल्ली: 18 दिनों तक अंतरिक्ष में रहने के बाद भारतीय ग्रुप कैप्टन शुभांशु शुक्ला अब पृथ्वी पर सकुशल लौट आए हैं। जैसे ही उनका स्पेस कैप्सूल ‘ग्रेस’ प्रशांत महासागर में लैंड हुआ, पूरे देश में खुशी की लहर दौड़ गई। उनकी मां ने राहत की सांस ली, लेकिन भावनात्मक पल के बावजूद वो अपने बेटे को तुरंत गले नहीं लगा सकेंगी। आइए जानते हैं क्यों।
अब शुरू हुआ मेडिकल आइसोलेशन
अंतरराष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन (ISS) पर 18 दिन बिताने के बाद शुभांशु अब सीधे घर नहीं जाएंगे। उन्हें पहले नासा के मेडिकल और रिहैबिलिटेशन सेंटर में भेजा गया है, जहां उन्हें कम से कम 7 दिनों तक आइसोलेशन में रखा जाएगा।
पहले 7 दिन कैसे बीतेंगे?
१. इन 7 दिनों में उनकी शारीरिक और मानसिक स्थिति की बारीकी से जांच की जाएगी।
२. हड्डियों और मांसपेशियों को फिर से मजबूत बनाने के लिए विशेष व्यायाम कराए जाएंगे।
३. शरीर की संतुलन प्रणाली की जांच होगी ताकि चक्कर, थकान और सिरदर्द जैसे लक्षणों को ट्रैक किया जा सके।
४. वैज्ञानिक टीम इस मिशन से जुड़े डेटा का विश्लेषण करेगी, जो भविष्य की स्पेस मिशनों के लिए महत्वपूर्ण रहेगा।
पृथ्वी पर लौटना आसान नहीं
१. अंतरिक्ष में शून्य गुरुत्वाकर्षण में रहने से शरीर कमजोर हो जाता है। पृथ्वी पर वापसी के बाद।
२. शरीर को गुरुत्वाकर्षण का सामना करना पड़ता है।
३. चक्कर, थकान, और संतुलन बिगड़ने जैसी समस्याएं सामान्य हैं।
इसीलिए नासा पहले उन्हें फ्लाइट सर्जन की निगरानी में रखता है और बाद में परिवार से मिलने की अनुमति देता है।
देश कर रहा है सलाम
शुभांशु शुक्ला की वापसी पर सोशल मीडिया पर बधाइयों की बाढ़ आ गई है। लोग उन्हें “भारत का स्पेस हीरो” कहकर सम्मानित कर रहे हैं। इस ऐतिहासिक मिशन ने एक बार फिर भारत को वैश्विक अंतरिक्ष मंच पर गौरवान्वित किया है।
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