




नासिक (ओझर) एयरपोर्ट पर यात्रियों को बेहतर सुविधा देने और आने वाले सिंहस्थ कुंभ मेले के दौरान भीड़ संभालने के लिए नए टर्मिनल भवन के निर्माण को मंजूरी मिल गई है। मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने इस परियोजना को हरी झंडी दी है, जिसकी जानकारी राज्य मंत्री छगन भुजबळ ने दी।
वर्तमान स्थिति और आवश्यकता
फिलहाल नासिक एयरपोर्ट का मौजूदा टर्मिनल एक घंटे में लगभग 300 यात्रियों को ही संभाल पाता है। लेकिन 2027 में होने वाले सिंहस्थ कुंभ मेले के दौरान यह संख्या कई गुना बढ़ सकती है। अनुमान है कि उस समय प्रति घंटे 1,000 से अधिक यात्री एयरपोर्ट का इस्तेमाल करेंगे।
इस स्थिति से निपटने के लिए एयरपोर्ट का विस्तार बेहद जरूरी था। नया टर्मिनल भवन बनने से एयरपोर्ट की क्षमता बढ़ेगी और यात्रियों को भीड़भाड़ की समस्या से निजात मिलेगी।
प्रस्ताव और योजना
हिंदुस्तान एयरोनॉटिक्स लिमिटेड (HAL), जो नासिक एयरपोर्ट का संचालन करती है, ने सरकार को कई प्रस्ताव भेजे थे। इनमें नया टर्मिनल, अतिरिक्त पार्किंग बे, टैक्सी-वे और इमिग्रेशन सुविधाओं की मांग शामिल थी।
नए टर्मिनल भवन का आकार लगभग 10,000 वर्गमीटर होगा। साथ ही, तीन नए पार्किंग बे बनाए जाएंगे, ताकि एक साथ ज्यादा विमान खड़े किए जा सकें।
रनवे विस्तार की योजना
HAL ने एयरपोर्ट पर एक नया समानांतर रनवे बनाने की भी योजना बनाई है, जिसकी अनुमानित लागत ₹343.2 करोड़ है। इस रनवे के निर्माण के लिए टेंडर जारी कर दिए गए हैं और इसे एक साल में पूरा करने का लक्ष्य है।
नए रनवे और टर्मिनल के साथ नासिक एयरपोर्ट बड़ी संख्या में यात्रियों को सहज रूप से संभाल पाएगा।
अंतर्राष्ट्रीय उड़ानों की संभावनाएँ
नासिक एयरपोर्ट अभी केवल घरेलू उड़ानों के लिए उपयोग किया जाता है। हालांकि, लंबे समय से यहाँ से अंतर्राष्ट्रीय उड़ानों की मांग की जा रही है।
मुख्य अड़चन इमिग्रेशन और सुरक्षा क्लियरेंस क्षेत्र की कमी रही है। लेकिन नए टर्मिनल के साथ ही इमिग्रेशन सुविधाओं को भी शामिल करने की योजना है। इससे नासिक से दुबई, सिंगापुर और दक्षिण एशियाई देशों के लिए सीधी उड़ानें शुरू होने की संभावना बढ़ जाएगी।
कुंभ मेले की तैयारी
नासिक में 12 साल बाद होने वाला सिंहस्थ कुंभ मेला एक विशाल आयोजन है, जिसमें लाखों श्रद्धालु शामिल होते हैं। ऐसे समय एयरपोर्ट पर यात्रियों का दबाव कई गुना बढ़ जाता है।
प्रयागराज एयरपोर्ट का उदाहरण सामने है, जहां 2019 कुंभ से पहले टर्मिनल की क्षमता दोगुनी की गई थी। उसी तर्ज पर नासिक एयरपोर्ट का विस्तार भी मेले को ध्यान में रखकर किया जा रहा है।
स्थानीय नेताओं और सांसदों की पहल
स्थानीय सांसद और विधायकों ने इस परियोजना को लेकर लगातार आवाज उठाई थी। हाल ही में सांसद राजाभाऊ वाजे ने केंद्र सरकार को ज्ञापन सौंपा था, जिसमें नया टर्मिनल, टैक्सी-वे, पार्किंग बे और इमिग्रेशन चेकपॉइंट की मांग की गई थी।
इसके अलावा, उन्होंने एयरपोर्ट का नाम महाराष्ट्र के पहले मुख्यमंत्री यशवंतराव चव्हाण के नाम पर रखने का सुझाव भी दिया था।
आर्थिक और सामाजिक असर
नए टर्मिनल और रनवे विस्तार से नासिक को सिर्फ धार्मिक पर्यटन ही नहीं, बल्कि व्यापारिक और औद्योगिक दृष्टि से भी बड़ा लाभ मिलेगा।
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वाइन इंडस्ट्री और कृषि उत्पादों के लिए एयर कार्गो सेवाओं में वृद्धि होगी।
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नासिक और मुंबई के बीच हवाई संपर्क बढ़ेगा, जिससे निवेशकों को सुविधा होगी।
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रोजगार के नए अवसर पैदा होंगे, क्योंकि निर्माण और संचालन में बड़ी संख्या में लोग शामिल होंगे।
निष्कर्ष
नासिक एयरपोर्ट का विस्तार और नया टर्मिनल मंजूर होना शहर के विकास के लिए मील का पत्थर साबित होगा। इससे न केवल कुंभ मेले की तैयारियाँ सुचारू रूप से हो सकेंगी, बल्कि नासिक को अंतर्राष्ट्रीय उड़ानों से जोड़ने का रास्ता भी खुलेगा।
सरकार, HAL और स्थानीय प्रशासन यदि समयबद्ध तरीके से काम पूरा करते हैं, तो आने वाले वर्षों में नासिक एयरपोर्ट महाराष्ट्र का एक प्रमुख एविएशन हब बन सकता है।