




भारतीय राजनीति में आरोप-प्रत्यारोप का दौर थमता नहीं दिख रहा है। हाल ही में कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने सरकार और चुनाव प्रक्रिया पर गंभीर आरोप लगाते हुए कहा था कि देश में ‘वोट चोरी’ हो रही है। इस बयान के बाद सियासी हलचल तेज हो गई।
इसी बीच, केंद्रीय मंत्री किरन रिजिजू ने राहुल गांधी पर सीधा निशाना साधा और उन्हें ‘स्पॉइल्ड ब्रैट’ (बिगड़ा हुआ बच्चा) तक कह डाला। इतना ही नहीं, रिजिजू ने CSD (Centre for the Study of Developing Societies) का माफीनामा भी साझा किया, जिसमें संस्था ने राहुल के बयान से जुड़े विवाद पर खेद जताया।
राहुल गांधी का आरोप – ‘वोट चोरी’
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राहुल गांधी ने हाल ही में कहा था कि भारत की चुनावी प्रणाली पर भरोसा नहीं किया जा सकता।
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उनके मुताबिक, देश में लोकतंत्र कमजोर हो रहा है और चुनावों में ‘वोट चोरी’ जैसी घटनाएं हो रही हैं।
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राहुल ने यह आरोप उस रिपोर्ट के हवाले से लगाया था, जिसमें भारतीय चुनाव प्रक्रिया पर सवाल उठाए गए थे।
यह बयान सामने आते ही बीजेपी नेताओं ने राहुल पर लोकतंत्र को बदनाम करने का आरोप लगाया।
किरन रिजिजू का पलटवार
राहुल गांधी के आरोपों पर प्रतिक्रिया देते हुए केंद्रीय मंत्री किरन रिजिजू ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म X (पूर्व में ट्विटर) पर कड़ा बयान दिया।
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उन्होंने राहुल गांधी को ‘Spoiled Brat’ (बिगड़ा हुआ बच्चा) कहा।
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रिजिजू ने लिखा – “राहुल गांधी जैसे नेता सिर्फ भ्रम फैलाते हैं और देश की संस्थाओं की साख को गिराने की कोशिश करते हैं।”
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रिजिजू ने कहा कि भारत की चुनावी प्रक्रिया दुनिया की सबसे पारदर्शी और मजबूत प्रणाली है, जिस पर सवाल उठाना देश के लोकतांत्रिक ढांचे पर हमला है।
CSD का माफीनामा – विवाद कैसे बढ़ा?
राहुल गांधी ने जिस रिपोर्ट का हवाला देकर ‘वोट चोरी’ का मुद्दा उठाया था, वह रिपोर्ट Centre for the Study of Developing Societies (CSD) से जुड़ी थी।
लेकिन विवाद बढ़ने के बाद CSD ने:
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सार्वजनिक रूप से कहा कि राहुल गांधी ने उनकी रिपोर्ट का गलत हवाला दिया है।
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संस्था ने माफीनामा जारी कर स्पष्ट किया कि उनकी रिपोर्ट का मकसद भारत की चुनाव प्रणाली को कमजोर दिखाना नहीं था।
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उन्होंने यह भी कहा कि रिपोर्ट को लेकर पैदा हुई गलतफहमी के लिए वे खेद व्यक्त करते हैं।
यही माफीनामा किरेन रिजिजू ने अपने सोशल मीडिया पोस्ट में साझा किया और राहुल गांधी को कटघरे में खड़ा किया।
बीजेपी बनाम कांग्रेस – नया विवाद
यह मामला बीजेपी और कांग्रेस के बीच एक नई सियासी जंग की वजह बन गया है।
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बीजेपी का दावा: राहुल गांधी लगातार देश की छवि खराब करने वाले बयान देते हैं और अब उनकी बातों को लेकर खुद रिपोर्ट बनाने वाली संस्था को माफी मांगनी पड़ रही है।
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कांग्रेस का पलटवार: कांग्रेस का कहना है कि राहुल गांधी ने जनता की आवाज उठाई है और सरकार को जवाब देना चाहिए कि आखिर क्यों बार-बार चुनावी प्रक्रिया पर सवाल खड़े हो रहे हैं।
जनता और राजनीतिक विशेषज्ञों की राय
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विशेषज्ञों का मानना है कि चुनावी प्रक्रिया पर लगातार सवाल उठाना जनता के भरोसे को कमजोर करता है।
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कई लोगों का कहना है कि राहुल गांधी की आलोचना लोकतंत्र को मजबूत करने के लिए है, लेकिन उनके बयान देने का तरीका विवाद खड़ा कर देता है।
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वहीं बीजेपी समर्थक इसे केवल राजनीति में सुर्खियां बटोरने का प्रयास बता रहे हैं।
लोकतंत्र और चुनावी प्रणाली पर सवाल क्यों?
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बीते कुछ वर्षों से विपक्ष बार-बार EVM (Electronic Voting Machines) की पारदर्शिता पर सवाल उठाता रहा है।
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हालांकि, चुनाव आयोग और सुप्रीम कोर्ट दोनों ने ही EVM की विश्वसनीयता को लेकर भरोसा जताया है।
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फिर भी, राजनीतिक पार्टियों के बीच यह विवाद समय-समय पर उभरता रहता है।
राहुल गांधी और किरेन रिजिजू के बीच यह तकरार भारतीय राजनीति में एक बार फिर चुनावी प्रक्रिया की विश्वसनीयता को सुर्खियों में ले आई है।
जहां राहुल गांधी लोकतंत्र और चुनावों की पारदर्शिता को लेकर सवाल उठा रहे हैं, वहीं बीजेपी का कहना है कि यह सब सिर्फ राजनीतिक नाटक है।
CSD का माफीनामा सामने आने के बाद राहुल गांधी की स्थिति असहज जरूर हो गई है, लेकिन यह विवाद अभी थमता नजर नहीं आ रहा। आने वाले दिनों में यह मुद्दा संसद से लेकर चुनावी मंचों तक गूंज सकता है।