




जयपुर राजस्थान के मुख्यमंत्री श्री भजनलाल शर्मा की अध्यक्षता में मंगलवार को मुख्यमंत्री कार्यालय में आयोजित हुई राज्य मंत्रिमंडल की बैठक में कई महत्वपूर्ण निर्णय लिए गए। इस बैठक का सबसे अहम फैसला युवाओं को रोजगार और स्वावलंबन की दिशा में ‘विश्वकर्मा युवा उद्यमी प्रोत्साहन योजना’ को मंजूरी देना रहा।
युवाओं के लिए नई उम्मीद
राज्य सरकार ने साफ किया कि इस योजना का उद्देश्य प्रदेश के युवाओं को आत्मनिर्भर और रोजगारपरक अवसरों से जोड़ना है। इसके तहत युवाओं को स्व-रोजगार की दिशा में प्रोत्साहन दिया जाएगा और उद्यमिता को बढ़ावा मिलेगा।
मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा ने बैठक के बाद कहा कि –
“राजस्थान के युवा ऊर्जा और उत्साह से परिपूर्ण हैं। उन्हें यदि सही दिशा और संसाधन मिलें तो वे न सिर्फ अपने लिए बल्कि समाज के लिए भी रोजगार के नए अवसर पैदा कर सकते हैं। इसी दृष्टि से ‘विश्वकर्मा युवा उद्यमी प्रोत्साहन योजना’ को मंजूरी दी गई है।”
योजना का मुख्य उद्देश्य
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रोजगार सृजन – युवाओं को नए व्यापार और उद्योग शुरू करने के लिए प्रोत्साहित करना।
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स्वावलंबन – सरकारी नौकरियों पर निर्भरता घटाकर युवाओं को स्व-रोजगार की दिशा में आगे बढ़ाना।
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आर्थिक सहयोग – युवाओं को उद्यम स्थापित करने के लिए वित्तीय सहयोग और आसान ऋण सुविधा उपलब्ध कराना।
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कौशल विकास – व्यापार और उद्योग से जुड़े प्रशिक्षण कार्यक्रमों के माध्यम से युवाओं की क्षमता को बढ़ाना।
कौन-कौन होंगे लाभार्थी
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18 से 35 वर्ष की आयु के युवा इस योजना का लाभ उठा सकेंगे।
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योजना में विशेष प्राथमिकता ग्रामीण क्षेत्रों, पिछड़े वर्गों और आर्थिक रूप से कमजोर युवाओं को दी जाएगी।
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तकनीकी शिक्षा प्राप्त करने वाले युवाओं को भी उद्योग और व्यापार में शामिल होने का मौका मिलेगा।
बैठक के अन्य फैसले
हालांकि बैठक का मुख्य आकर्षण विश्वकर्मा युवा उद्यमी योजना रही, लेकिन इसके अलावा भी कई अहम बिंदुओं पर चर्चा की गई। इनमें:
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राज्य में निवेश और औद्योगिक विकास को बढ़ावा देने के लिए नई नीतियों पर विचार।
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स्वास्थ्य सेवाओं और शिक्षा क्षेत्र में आधुनिकीकरण को लेकर प्रस्ताव।
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कृषि और ग्रामीण विकास से जुड़ी योजनाओं को तेज़ी से लागू करने पर जोर।
युवाओं में उत्साह
इस घोषणा के बाद युवाओं में उत्साह और उम्मीद की लहर देखी जा रही है। कई छात्र संगठनों और युवा उद्यमियों ने सरकार के इस फैसले का स्वागत किया है। उनका मानना है कि यह योजना न केवल रोजगार की समस्या को दूर करेगी बल्कि युवाओं को उद्यमिता की दिशा में नई सोच और साहस देगी।
विशेषज्ञों की राय
आर्थिक विशेषज्ञों का कहना है कि यदि यह योजना जमीनी स्तर पर सही तरीके से लागू होती है तो इससे प्रदेश में स्टार्टअप और लघु उद्योगों को मजबूत आधार मिलेगा। साथ ही, ग्रामीण क्षेत्रों में स्थानीय रोजगार बढ़ेगा और पलायन पर भी रोक लगेगी।