




बिहार विधानसभा चुनाव 2025 के लिए चुनाव आयोग ने तारीखों का ऐलान कर दिया है। चुनाव तीन चरणों में आयोजित होंगे, जिनकी तिथियाँ जल्द घोषित की जाएँगी। यह चुनाव 243 सीटों के लिए होंगे, और मतगणना की प्रक्रिया 22 नवंबर 2025 से पहले पूरी की जाएगी, क्योंकि विधानसभा का कार्यकाल उसी दिन समाप्त हो रहा है।
इस बार के चुनाव में मुख्य मुकाबला एनडीए (राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन) और महागठबंधन के बीच होगा। एनडीए में भारतीय जनता पार्टी (BJP), जनता दल यूनाइटेड (JD(U)), और अन्य सहयोगी दल शामिल हैं। महागठबंधन में राष्ट्रीय जनता दल (RJD), कांग्रेस, और अन्य क्षेत्रीय दल शामिल हैं। इसके अलावा, जन सुराज पार्टी के नेता प्रशांत किशोर ने गठबंधन से साफ इनकार किया है और स्वतंत्र रूप से चुनावी मैदान में हैं।
चुनाव आयोग ने मतदाता सूची में नाम जोड़ने या हटाने के लिए दावे प्रस्तुत करने की अंतिम तिथि 1 सितंबर 2025 निर्धारित की थी। सुप्रीम कोर्ट ने इस तिथि को बढ़ाने की याचिका खारिज कर दी है, जिससे यह तिथि अब अपरिवर्तनीय है।
नए दलों की सक्रियता:
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सुभासपा की एंट्री: उत्तर प्रदेश के ओम प्रकाश राजभर की पार्टी सुभासपा बिहार विधानसभा चुनाव 2025 में अपनी किस्मत आजमाने जा रही है। पार्टी ने 12 सितंबर को पटना में एक बड़ी रैली आयोजित करने की तैयारी की है। यह पहली बार होगा जब यह क्षेत्रीय पार्टी बिहार में सक्रिय रूप से चुनावी मैदान में उतरेगी।
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बीएसपी की रणनीति: बहुजन समाज पार्टी (BSP) प्रमुख मायावती ने घोषणा की है कि उनकी पार्टी आगामी बिहार चुनाव स्वतंत्र रूप से लड़ेगी। पार्टी ने उम्मीदवार चयन और चुनावी तैयारियों के लिए एक रोडमैप तैयार किया है। मायावती स्वयं जनसंपर्क अभियानों की निगरानी करेंगी।
चुनाव आयोग ने मतदाता जागरूकता अभियान शुरू किया है, जिसमें मतदाताओं को उनके अधिकारों और कर्तव्यों के प्रति जागरूक किया जा रहा है। इस अभियान के तहत विभिन्न माध्यमों से मतदाताओं को सूचित किया जा रहा है।
बिहार विधानसभा चुनाव 2025 राज्य की राजनीति के लिए महत्वपूर्ण मोड़ साबित हो सकते हैं। नए दलों की सक्रियता और गठबंधनों के बीच प्रतिस्पर्धा से चुनावी परिदृश्य में बदलाव की संभावना है। मतदाताओं की भागीदारी और चुनाव आयोग की तैयारियाँ यह सुनिश्चित करेंगी कि चुनाव निष्पक्ष और पारदर्शी तरीके से संपन्न हों।